क मिश्नर से चर्चा के दौरान छात्राओं ने कहा कि गल्र्स कॉलेज में दाखिले की उम्मीद लगाए हुए थे। प्रबंधन ने भी आश्वासन दिया था कि इस बार सभी को प्रवेश मिल जाएगा, लेकिन अब प्रबंधन दाखिला देने से इनकार कर रहा है। कुछ छात्राओं ने बताया कि कट ऑफ के आधार पर महज एक-दो नंबर कम होने के कारण उन्हें दाखिला नहीं मिल रहा है। कई बाहरी छात्राएं भी, जिन्होंने भी निजी कॉलेज में पढऩे में अस्मर्थता जताई। हालांकि कमिश्नर ने सभी को आश्वस्त किया कि वे शासन स्तर पर सीट बढ़ाने की बात करेंगे।
दिनभर नहीं खुली लिंक
अग्रणी और गल्र्स डिग्री कॉलेज में देर शाम तक लिंक नहीं खुली। मेरिट सूची के आधार पर दाखिले नहीं हो पाए।
बदल सकता है कोर्स
कॉलेजों में दाखिला ले चुके छात्रों में से वे छात्र जो पाठ्यक्रम बदलना चाहते हैं। उन्हें अवसर दिया जा रहा है। छात्र को एक सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
एक और मौका दिया
शासन ने शासकीय कॉलेजों में दाखिले से वंचित होने वाले छात्रों के लिए एक और मौका दिया है। सीएलसी राउंड का दूसरा चरण २० से ३१ अगस्त तक चलेगा। इसमें वे विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने अब तक पंजीयन नहीं कराए हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि कॉलेजों में सीटें लगभग भर चुकी हैं, एेसे में इस राउंड में छात्रोंं को दाखिला कैसे मिलेगा।
नहीं बढ़ी सीटें
महाराजा छत्रसाल से संबद्ध 18 कॉलेजों में से 7 कॉलेजों में सीटें बढ़ाई गई हैं। इनमें अग्रणी कॉलेज शामिल हैं, लेकिन गल्र्स कॉलेज में एक भी सीट नहीं बढ़ाई गई है। सीटें बढ़ाए जाने को लेकर छात्राएं और छात्र संगठन लगातार मांग कर रहे हैं। शासन ने ध्यान नहीं दिया।