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Big Breaking : बम धमाका मामले में पुलिस को बड़ी सफलता, तीन आरोपी पकड़ाए, किए बड़े खुलासे

गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले डाक विभाग के अधिकारी के घर दिया था वारदात को अंजाम, पकड़े गए आरोपियों ने किए चौकाने वाले खुलासे

सागरJan 26, 2018 / 05:12 pm

संजय शर्मा

Bomb blast case
सागर. राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले मध्यप्रदेश के सागर जिले में हुए बम धमाका मामले में मप्र पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक दिन के अंदर ही मामले में तीन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जिनसे पूछताछ में ब्लॉस्ट की बड़ी और चौकाने वाली वजह सामने आयी है। आरोपियों ने दीक्षित परिवार को बम से उड़ाकर हत्या करने की साजिश की गई थी। मामले में खास बात यह है कि आरोपियों ने पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए गूगल को अपना गुरु बनाया था। इसके बाद ही वह इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे सका।
इधर धमाका में घायल हुए केके दीक्षित और उनके पुत्र रीतेश की हालत गंभीर बनी हुई है। रीतेश की हालत में शुक्रवार की सुबह तक कोई खास सुधार नहीं हो सका था। नजीजन, सुबह से ही रीतेश को भोपाल रेफर कर दिया गया है। दोपहर में उसे भोपाल की एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। जहां वह उपाचररत है। विदित हो कि रीतेश का २३ जनवरी को जन्मदिन था, जबकि २८ जनवरी को उसकी सगाई थी। जिसकी तैयारियां घर में चल रही थी।

 

पुलिस के हाथ ऐसे चढ़े आरोपी

आईजी सागर रेंज सतीश चंद्र सक्सेना ने पे्रस वार्ता कर बताया कि धमाके बाद से ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। जिसमें एफएसएल, एटीएस जबलपुर सहित अन्य की भी मदद ली गई। जांच के पहला बिंदु ही पुलिस की सफलता का कारण बना। पुलिस ने जब भेजे गए पॉर्सल का एड्रेस किया तो वह फर्जी निकला। इसके बाद पुलिस ने डाक रजिस्टर होने के समय पर पता निकाला और इतने समय कौन से लोग पोस्टऑफिस आए और आसपास सक्रिय थे। आसपास से फुटेज प्राप्त करने के बाद संदिग्धों से पूछताछ की। इस दौरान पुलिस डाक पोस्टऑफिस तक पहुंचाने वाले एक व्यक्ति तक पहुंच जाती है। यहां से पूरे मामले के तार खुलना शुरू हो जाते है। इसके बाद पुलिस दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार करती है। जिनकी गवाही के बाद देर रात वारदात के सरगना को भी पुलिस गिरफ्तार कर लेती है।

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दीक्षित परिवार को बम से उड़ाना चाहता था
आईजी ने बताया कि वारदात का मुख्य सरगना हेमंत उर्फ आशीष साहू है। जो कि केके दीक्षित और उसके परिवार को बम से उड़ाकर हत्या करना चाहता था। इसके लिए उसने पूरी योजना रची और वारदात को अंजाम दिया। आईजी ने बताया कि आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि हेमंत साहू डाक विभाग का ही बर्खास्त कर्मचारी है। जिसने करीब 2 साल पहले रहली में पोस्ट ऑफिस में गबन किया था। कर्मचारी हेमंत साहू के खिलाफ केके दीक्षित ने करीब 35 लाख रुपए गबन का आरोपी बनाया था। इसके बाद से आरोपी दीक्षित के प्रति रंजिश बनाए हुए था। पुलिस आरोपी का सुराग लगाने वाले को 25 हज़ार रुपये के इनाम की घोषणा की थी ।

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गूगल से ट्रेनिंग लेकर तैयार किया पॉर्सल बम
मामले में एक और चौकाने वाला सच सामने आया है। आईजी से जबाव सवाल किया जाता है कि आरोपी के पास बम कहा से आया। तब आईजी ने बताया कि आरोपी हेमंत साहू के अनुसार उसने गूगज सर्च इंजन पर बम बनाने का तरीका सर्च करने के बाद ट्रैनिंग ली थी। गूगल से मिली जानकारी के बाद उसने विस्फोटक व इलेक्ट्रिकसिटी पर आधारित एक बम तैयार किया था। जिसकी क्षमता बहुत बताई जा रही है। इस बम को विस्फोट करने के लिए महज डिवाइस को विद्युत से कनेक्ट होना था। जो कि दीक्षित के घर भी हुआ था, इसके बाद ब्लॉस्ट हो गया था। पद्मापुर थाना पुलिस ने तीनों आरोपी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया है। मामले में अभी जांच जारी रहेगी।

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