इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने निर्देश जारी किया है। इसके लिए पिछले साल के तिमाही परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर कक्षाएं लगाने के लिए समय-सारणी जारी की गई है। पिछले वर्षों में प्रीबोर्ड परीक्षा के बाद स्कूलों में रेमेडियल कक्षाओं को संचालित किया जाता था।
रमसा की ओर से होगी कक्षाएं संचालित
स्कूलों में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की ओर से हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में रेमेडियल कक्षाएं लगाई जाएंगी। जिसमें जिले के २३० स्कूल शामिल हैं। इसके लिए शिक्षकों को प्रति विद्यार्थी के हिसाब से भुगतान भी किया जाएगा। वहीं अभी हाल में सभी कक्षाओं की हुई तिमाही परीक्षा के परिणाम को विभाग ने दो दिन में पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा है। इसमें खासतौर पर 9वीं से 12वीं कक्षा के विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय के लिए कक्षाएं लगाई जाएंगी।
डी व ई ग्रेड में 50 प्रतिशत बच्चे
विभाग द्वारा जारी किए गए पिछले साल के तिमाही परीक्षा में 9वीं से 10वीं के 50 प्रतिशत बच्चे डी व ई ग्रेड में आए थे। वहीं 11वीं व 12वीं कक्षा में करीब 35 फीसदी बच्चों को डी व ई ग्रेड मिला था। ऐसे में 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए रेमेडियल कक्षाएं शुरू की जाएगी। स्कूलों से कहा गया है कि तिमाही परीक्षाओं में विद्यार्थियों के ग्रेड के आधार पर सेक्शन बनाए जाए। ऐसे स्कूल जहां एक से अधिक सेक्शन हैं, वहां डी व ई ग्रेड के विद्यार्थियों के लिए अलग से सेक्शन बनाया जाए, ताकि उनके स्तर के अनुरूप पठन-पाठन हो सके। 80 मिनट की कक्षाएं लगाई जाएंगी।
पास के स्कूलों से भी ले सकेंगे मदद
इस निर्देश में कहा गया है कि ऐसे स्कूल जहां किसी विषय के शिक्षक नहीं हैं तो पास के स्कूलों के संबंधित विषय के शिक्षक की मदद लें। निकट के दो स्कूल आपस में शिक्षकों की साझेदारी कर कक्षाएं लगा सकते हैं।