अब व्यापारियों को समझ आ रहा जीएसटी, दो साल में 12000 व्यापारियों ने करा लिया रजिस्ट्रेशन
- दो सालों में हुए कई बदलाव
- जीएसटी की दूसरी वर्षगांठ आज

सागर. काफी जद्दोजहद, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और तकनीकी दिक्कतों के बीच आज से करीब दो साल पहले एक जुलाई, 2017 को वन नेशन, वन टैक्स के सिद्धांत पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा टैक्स) प्रणाली को बड़े ही धूमधाम के साथ लागू किया गया था। दो साल पहले लागू हुई इस प्रणाली का बहुत विरोध किया गया, व्यापारियों के विरोध के बाद कुछ नोटिफिकेशन भी जारी हुए। सरकार द्वारा पहले लगाए टैक्स को भी घटाया गया। लेकिन धीरे-धीरे शहर के व्यापारियों ने इसे अपना लिया है।
व्यापारी शुरु से ही इसकी प्रक्रियाओं का विरोध कर रहे थे और उन्हें वैट से जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जीएसटी के दायरे में आने वाले व्यापारियों ने बमुश्किल इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा तो लिया लेकिन अब वे ई-वे और रिटर्न फाइल किए जाने की प्रक्रिया में उलझकर रह गए थे। साथ ही व्यापार में मंदी का सामना करना पड़ा। लेकिन दो सालों बाद जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या में कुछ इजाफा अब हुई है। शहर में लगभग 20 हजार बड़े व्यापारी हैं। दो सालों में जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या 12 हजार हो गई है, जो एक साल ४ हजार ५०० व्यारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें एसजीएसटी और सीजीएसटी दोनों रजिस्ट्रेशन शामिल हैं।
दरों में हुआ बार-बार बदलाव
देश में जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद विभिन्न आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स निर्धारण और उनकी दरों को तय करने में सरकार और जीएसटी परिषद के सदस्यों को काफी माथा-पच्ची करनी पड़ी। परिषद की ओर से आयोजित करीब-करीब दो दर्जन से अधिक बार बैठक आयोजन किये जाने के बाद आखिर में 29 आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं में जीएसटी दरों को कम किया गया है। हालांकि, जीएसटी के तहत अन्य आवश्यक वस्तुओं को जोडऩे और उस पर टैक्स निर्धारण के साथ ही दरों में कटौती की प्रक्रिया जारी है।
इन वस्तुओं पर से घटायी गयी जीएसटी की दरें
इन वस्तुओं पर 28 फीसदी से 18 फीसदी जीएसटी
- सार्वजनिक परिवहन की बायोफ्यूल से चलने वाली बसें
- पुरानी एसयूवी
- बड़ी कारें और मीडियम कारें
इन वस्तुओं पर 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी जीएसटी
- सुगर बॉइल्ड कन्फेक्शरी
- 20 लीटर की बोतल में पेयजल
- खाद में इस्तेमाल होने वाला फॉस्फोरिक एसिड
- बॉयोडीजल
- बॉयो पेस्टीसाइड्स
- डिप इरीगेशन सिस्टम
इन वस्तुओं पर जीएसटी 18 फीसदी से घटकर 5 फीसदी
- मेहंदी के कोन
- इमली का पाउडर
- निजी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा घरों में आपूर्ति की जाने वाली एलपीजी
- सैटेलाइट्स और लांच व्हीकल में इस्तेमाल होने वाले वैज्ञानिक और
- तकनीकी उपकरण
इन वस्तुओं पर 12 फीसदी से 5 फीसदी हुई जीएसटी
वैल्वेट फेब्रिक
इन पर 3 फीसदी से घटकर 0.25 फीसदी जीएसटी दरें
हीरे और कीमती पत्थर
इन वस्तुओं से हटाया गया टैक्स
भभूत
हियरिंग एड यानी सुनने की मशीनों में इस्तेमाल होने वाले पुर्जे
एसेसरीज
डीऑइल्ड राइस ब्रान
इन सेवाओं से हटाया गया टैक्स
आरटीआइ के तहत सूचना मुहैया करने की सेवा पर
सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा दी जाने वाली विधिक सेवाएं
भारत से बाहर विमान या समुद्र के रास्ते सामान भेजने पर
विद्यार्थियों, फैकल्टी और स्टॉफ को ले जाने के लिए माध्यमिक स्तर तक शैक्षिक संस्थानों को परिवहन सेवाएं
इन वस्तुओं पर जीएसटी 18 फीसदी से 5 फीसदी
जीएसटी की बढ़ी अब समझ
सीए स्वप्निल शुक्ला ने बताया कि जीएसटी के बाद लगभग १५ प्रकार टैक्स खत्म हो गए। व्यापारियों को सर्विस टैक्स, वेट, एक्साइज ड्यूटी की अलग-अलग रिटर्न फाइल अब नहीं बनाना होती है। अब जीएसटी की रिर्टन में ही सारी जानकारी देनी होती है। जीएसटी भी व्यापारियों को समझ आने लगा है, बस इसमें कुछ सुधार की जरूरत है। अंतिम तारिख पर यह अभी भी धीमी चलती है। जीएसटी में रिर्टन रिविजन का भी ऑप्सन शुरू होना चाहिए। इसी से गलती सुधार का मौका मिल सकता है।
वर्जन
जीएसटी आने के बाद व्यापारियों के द्वारा रजिस्ट्रेशन की संख्या बड़ी है। पहले यह संख्या न के बराबर थी। व्यापारी लगातार रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। पिछले साल की अपेक्षा संख्या बढ़कर दोगनी हो गई है।
नरेन्द्र कुमार ओरासे, वाणिज्य कर अधिकारी
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