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wedding season : पिछले साल नोटबंदी ने किया था ‘भेजा फ्राई’, इस बार जीएसटी से फैलेगा ‘रायता’

locationसागरPublished: Nov 02, 2017 02:23:45 pm

शादी की शहनाई गूंजने वाली हैं, लेकिन जीएसटी शादी की खुशियों का बैंड भी बजा सकता है।

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सागर. नवंबर से शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा, लेकिन इस बार विवाह की खुशियों का जीएसटी ‘बैंड बजाने’ वाला है। सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जिन्होंने ठंड के सीजन में शादी की डेट फिक्स कर रखी हैं। दरअसल, मैरिज लॉन, गेस्ट हाउस, बैंड-बाजे, लाइट, साउंड, हलवाई-कैटरर्स सहित अन्य सर्विस प्रोवाइडर ने जीएसटी की वजह से रेट बढ़ा दिए हैं।
एसोचैम की रिपोर्ट
एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार हॉल, गॉडर्न, फोटो-वीडियो और शादी की अन्य सर्विस पर जीएसटी का 10 से 15 फीसदी असर दिखेगा। जिन्होंने शादी-विवाह के लिए 5.50 लाख रुपए तक का बजट बनाया है, उन्हें करीब 90 हजार रुपए जीएसटी देना पड़ेगा। जीएसटी के पहले 14 फीसदी ही सर्विस टैक्स लगता था, जो अब 18 से 28 फीसदी हो गया है। हालांकि इसके पीछे एक वजह यह भी सामने आ रही है कि इस बार शादियों के मुहूर्त कम हैं, ऐसे में सभी सेक्टर में दाम ज्यादा हो गए हैं।
बड़े पैकेज की शादियों पर असर
जानकार बताते हैं कि जीएसटी का असर उस परिवार पर पड़ेगा, जिसने बड़ा पैकेज तैयार कर फेमस व जीएसटी में रजिस्टर्ड लॉन, गेस्ट हाउस, लाइट-साउंड, हलवाई-कैटरर्स और डेकोरेशन वाले को बुक किया होगा। नॉन रजिस्टर्ड सर्विस प्रोवाइडर से सुविधा लेने वालों को टैक्स नहीं देना पड़ेगा। शहर में सैकड़ों कैटरर्स व टेंट देने वाले व्यवसायी हैं, जो मजदूरी की दर पर काम करते हैं। यदि शादी का बजट कम है तो इससे बचा जा सकता है।
खाने की चीजों पर
यदि खाने की बात करें तो जीएसटी के बाद इसमें मिला-जुला असर रहेगा। कुछ सस्ता हुआ तो कुछ महंगा। ड्राई फ्रूट्स, घी, मक्खन, नमकीन, मांस-मछली पर 12 फीसदी टैक्स देना होगा, जबकि आइसक्रीम, सॉस, सूप, मिनरल वाटर पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। बढ़ते टैक्स की वजह से दावत देना महंगी हो जाएगा।
कपड़ा-फुटवियर
1000 से कम कीमत के कपड़ों पर 7 फीसदी लगने वाला टैक्स अब 5 फीसदी हो गया है, पर 1000 से ज्यादा की खरीदारी पर 12 फीसदी टैक्स लग रहा है। फुटवियर में जीएसटी के बाद खरीदारी भारी नहीं पड़ेगी। जहां अभी 23.11- 29.58 फीसदी टैक्स लगता है। जीएसटी के बाद 18 फीसदी टैक्स लग रहा है।
जिसके पास जीएसटी नंबर है वह लेगा टैक्स
शादियों में टेंट लगाने वाले मनीष जैन ने बताया कि गार्डन और होटल की वजह से टेंट का कारोबार कम हुआ है। २० लाख रुपए से कम का व्यापार करने वालों को जीएसटी नहीं देना है। शहर में ऐसे दर्जनों टेंट कारोबारी हैं। ऐसे में होटल और गॉर्डन में शादी करने वाले लोगों को टैक्स देना होगा।
सेक्टर -कीमत/अधिक भार
मैरिज गार्डन- 1,75,000/31,500
कैटरर्स- 1,00,000/18,000
फोटो-वीडियो- 50,000/9,000
डेकोरेशन- 60,000/10,800
बैंड, डीजे- 60,000/10,800
बग्घी- 20,000/3600
ब्यूटी पार्लर- 20,000/3600
नोट: सभी सेक्टर में 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा, जबकि शादी कार्ड
पर यह 12 प्रतिशत होगा।

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