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गुरू पूर्णिमा 2018 : कैसे करें गुरू का पूजन, क्यों ली जाती है दीक्षा, कहां होंगे आयोजन

locationसागरPublished: Jul 24, 2018 01:10:14 pm

Submitted by:

Samved Jain

गुरू पूर्णिमा 2018 : कैसे करें गुरू का पूजन, क्यों ली जाती है दीक्षा, कहां होंगे आयोजन

दमोह. गुरू पूर्णिमा महोत्सव की तैयारियां जिले भर में शुरू हो गई है। शिष्यों द्वारा अपने गुरू के दिवस को यादगार बनाने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं। ऐसे में इस बार गुरू पूर्णिमा खास रहने वाली है। दमोह जिले में अनेक जगहों पर गुरू -शिष्य मिलन की तस्वीरें सामने आएंगी, लेकिन कुछ खास से आपको हम रूबरू करा रहे है। इसके साथ ही गुरू पूर्णिमा पर गुरू का पूजन कैसे करें, गुरू दीक्षा क्यों ली जाती है, कैसे मंत्रों का पालन करें, जैसे सवालों के जबाव के लिए भी आचार्य पंडित रवि शास्त्री से की गई चर्चा से आपको रूबरू कराएंगे।
गुरू पूर्णिमा 2018 : कैसे करें गुरू का पूजन, क्यों ली जाती है दीक्षा, कहां होंगे आयोजन
गुरू पूर्णिमा इस बार 27 जुलाई 2018 को पड़ रही है। इस दिन हर शिष्य अपने गुरू का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करेगा। गुरू पूर्णिमा के दिन दमोह में खौजाखेरी में दद्दाजी शिष्य मंडल,नागाजी महाराज शिष्य मंडल द्वारा जटाशंकर व लक्ष्मणकुटी में, पंडित रवि शास्त्री शिष्य मंडल द्वारा रामसबिहारी मंदिर में गुरू पूर्णिमा महोत्सव मनााय जाएगा। इसके अलावा अलग-अलग समूह, संगठन, शिष्यों द्वारा अपने गुरू के दिवस को श्रद्धाभाव से मनाया जाएगा। गुरू पूर्णिमा पर जिले भर में आयोजन भी होंगे। बकायन में मृदंगाचार्य नाना साहेब पानसे स्मृति १२४वां गुरू पूर्णिमा संगीत समारोह का दो दिवसीय आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों द्वारा अलग-अलग विधाओं में प्रस्तुतियां दी जाएंगी। ये जिले का सबसे प्राचीन समय से चलने वाला कार्यक्रम है। यहां पहुंचने वाले भक्तों को गुरू के आशीर्वाद के साथ-साथ बकायन में विराजमान चमत्कारी हनुमान जी के दर्शन लाभ भी मिलते है।
गुरू पूर्णिमा 2018 : कैसे करें गुरू का पूजन, क्यों ली जाती है दीक्षा, कहां होंगे आयोजन
क्यों मनाया जाता है गुरू पूर्णिमा पर्व
वैसे तो स्पष्ट है कि शिष्य द्वारा अपने गुरू की आराधना करने का दिन ही गुरू पूर्णिमा कहलाता है, लेकिन क्या सिर्फ इसका इतना ही महत्व है? यह जानने के लिए पत्रिका ने पंडित रवि शास्त्री से चर्चा की। उन्होंने बताया कि गुरू पूर्णिमा अर्थात गुरू के सम्मान व आदर का दिवस। हमें प्रत्येक दिन गुरू वंदना के साथ गुरू को प्रणाम करके ही दिन की शुरुआत करनी चाहिए। प्रत्येक वर्ष में एक बार गुरू पूर्णिमा जिसे हम व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन हम अपने गुरू से हम दीक्षा मंत्र लेते हैं। वह मंत्र ही है जिससे हम परमात्मा की प्राप्ति तो करते है। गुरू हमें भगवत प्राप्ति का साधन अर्थात् गुरु मंत्र देता है। जिस मंत्र का जाप करके उस मंत्र के देवता का पूजन करके हम परमात्म को प्राप्त होते हैं।
गुरू पूर्णिमा 2018 : कैसे करें गुरू का पूजन, क्यों ली जाती है दीक्षा, कहां होंगे आयोजन
गुरू पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजन

गुरू पूर्णिमा के दिन हमें गुरू के निवास स्थान पर पहुंच कर के गुरू का आदर के साथ पूजन करके उनके श्रीचरणों का प्रछालन करने के बाद उनको वस्त्रादि भेंट करना चाहिए। इसके बाद उनकी आज्ञा अनुसार ही कार्य को करना चाहिए। गुरू वह है जो हमें धर्म के मार्ग पर प्रशस्त करें। समस्त प्राणियों से प्रेम करना सिखाए। गुरू का पूजन हम इसलिए करते हैं कि गुरू हमें गुरू मंत्र अर्थात दीक्षा देकर के सत मार्ग की ओर ले जाता है।

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