हिंदू कैलेंडर के अनुसार धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन यानि दिवाली से दो दिन पहले मनाई जाती है। धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है। धनतेरस यानी अपने धन को तेरह गुन बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिन। कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है, ऐसा माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है। साथ ही सभी के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है।
धनतेरस पर जमकर खरीदारी करें, लेकिन कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से कई समस्याओं से बच सकते हैं। ऐसी मामूली लेकिन महत्वपूर्ण जानकारियों से न केवल त्योहार का पूरा आनंद लिया जा सकता है, बल्कि बाद में यह अच्छी यादों के रूप में भी जेहन में बना रहेगा। इलेक्ट्रानिक्स आइटम की खरीदी करते समय प्रोडक्ट के उपयोग के बारे में अच्छे से समझ लें, बिल लेने के साथ गारंटी कार्ड पर विक्रेता की मुहर लगवाना न भूलें। गाड़ी खरीदने से पहले एक्स शोरूम प्राइज और ऑन रोड प्राइस के बीच अंतर की राशि की पड़ताल कर लें। यह जरूर देख लें की कहीं रजिस्ट्रेशन या मामूली एसेसरीज के नाम पर आपसे मोटी राशि तो नहीं वसूली जा रही। मिठाइयां खरीदते समय जरूर देखें की उन्हें साफ-सफाई से बनाया और रखा गया है कि नहीं। आप डिब्बे का वजन अलग से करने की मांग कर सकते हैं जिससे आपको मिठाई की पूरी मात्रा मिले। आभूषण खरीदते समय हॉलमार्क आभूषण खरीदना बेहतर विकल्प रहता है। मौजूद रेट के साथ मेकिंग चार्ज का गणित समझकर ही खरीदें। कोशिश करें कि अपने परिचित से ही सोना खरीदें।
खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त धनतेरस वाले दिन शाम 7.19 बजे से 8.17 बजे तक का है।
चौघडिय़ा के अनुरूप खरीदारी
काल: सुबह 7.33 बजे तक दवा और खाद्यान्न।
शुभ: सुबह 9.13 बजे तक वाहन, मशीन, कपड़ा, शेयर और घरेलू सामान।
चर: 14.12 बजे तक गाड़ी, गतिमान वस्तु और गैजेट।
लाभ: 15.51 बजे तक लाभ कमाने वाली मशीन, औजार, कंप्यूटर और शेयर।
अमृत: 17.31 बजे तक जेवर, बर्तन, खिलौना, कपड़ा और स्टेशनरी।
काल : 19.11 बजे तक घरेलू सामान, खाद्यान्न और दवा।