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शिक्षा विभाग में गाड़ी चलाने वाले पिता ने अपने बेटे को बनाया शिक्षक
एक ऐसे ही पिता के बारे में हम आपको बता रहे हैं। जिन्होंने अपने बच्चों की जिंदगी के लिए पूरी जिंदगी संघर्ष किया। शिक्षा विभाग में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर अनंदी लोधी का बेटा अंकित लोधी पेशे से शिक्षक हैं। अंकित ने बताया वो एक निजी स्कूल में अंग्रेजी पढा़ते हैं। साथ ही दो कोचिंग का संचालन भी कर रहे हैं। जिस जगह वो हैं वहां पिता का संघर्ष है। अंकित ने बताया जब हम छोटे थे तो पिताजी दिन में टेलरिंग का काम करते थे और रात में आटो चलाते थे। ऐसे हमारा घर खर्च चलता था। उसके बाद पीएचई विभाग में केवल बिछाने का काम मिला। दोपहर में दिनरात मेहनत की। वहीं गाड़ी चलाना सीखा और उसके कई वर्षों पीएचई विभाग में गाड़ी चलाने की नौकरी मिली। बाद में शिक्षा विभाग में ट्रांसफर हो गया। उनका सपना है कि हम कामयाब इंसान बने। अंकित ने बताया कि उनकी एक छोटी बहन भी है।
हर समय अपने बेटे के बारे में ही सोचता रहता हूं
निजी अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक जैन का बेटा थैलेसीमिया बीमारी से जूझ रहा है। डॉ. विवेक ने बताया कि एक ही बेटा है और उसे थैलेसीमिया है। उन्होंने बताया जब छोटे-छोटे बच्चों का इलाज करता हूं, तो हर पल बेटे को याद करता हूं। उसे हर माह ब्लड लगवाते हैं। डॉ. विवेक हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि उनका बेटा इस जिंदगी की जंग को हारकर आम लोगों की तरह जिंदगी जिए। इसके लिए पुणे में इलाज कराया है, लेकिन नतीजे अच्छे देखने को नहीं मिल रहा है। लाखों रुपए खर्च होने के बाद कोई उम्मीद ही नहीं दिखाई दे रही है। जैन ने बताया कि जिस पेशे में वो हैं, उसमें कम समय मिलता है कि बेटे के साथ रहूं। लेकिन हर समय मन में उसके बारे में ही सोचता हूं।
बेटी को पढ़ाने गांव से शहर आए ताकि बेटी बन सके अफसर
कहते हैं बेटी पिता की लाड़ली होती है। नरयावली के पिपरा गांव में रहने वाली प्रतिमा कुर्मी अफसर बनाना चाहती हैं और उनका साथ दे रहे हैं पिता। प्रतिमा बताती हैं कि उनके गांव में तो स्कूल ही नहीं है। पांच किमी दूर पढ़ाई के लिए जाना होता है। पिता की वजह से ही वे दूसरे गांव जाकर अपनी पढ़ाई कर पाई हैं। प्रतिमा ने बताया कि पिताजी किसान हैं, लेकिन उन्होंने हमें कभी पढ़ाई करने से नहीं रोका। स्कूल की पढ़ाई होने के बाद मुझे वो सागर लेकर आए हैं और एक्सीलेंस गल्र्स कॉलेज में दाखिला भी दिला रहे हैं।
जून के तीसरे रविवार को मनाते हैं
पापा को स्पेशल महसूस हर दिन कराना चाहिए, लेकिन सभी त्योहारों की तरह पापा के लिए भी साल में एक दिन फादर्स डे के तौर पर मनाया जाता है। यह हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इस बार फादर्स डे 16 जून को मनाया जा रहा है। इस दिन पापा को खास तोहफे दिए जाते हैं, उन्हें स्पेशल फील कराने के लिए केक काटा जाता है और साथ में पार्टी की जाती है।