नक्काशिमय लाल पत्थर एवं संगमरमर से निर्मित हो रहे पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गोपालगंज से घटयात्रा दोपहर ३ बजे निकाली गई। जो केंद्रीय जेल में बने कार्यक्रम स्थल तक पहुंची। घटयात्रा में महिलाएं जेल के हथकरघा से बने वस्त्र धारण किए हुई थीं और मस्तक पर शुद्ध जल के कलश लेकर चल रही थीं। इसके पहले गोपालगंज जैन मंदिर में कलश पूजन भी हुआ। केंद्रीय जेल में शुद्ध जल वा मंत्रोच्चार से पंडाल एवं बेदी की शुद्धि इंद्र प्रतिष्ठा, पात्र शुध्दि, सकलीकरण की क्रियाएं हुईं।
जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी जी ने बताया कि हाथकरघा के कार्यों से बंदियों में काफी मानसिक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यह विधान ब्रह्मचारी संजीव भैया कटंगी एवं ब्रह्मचारी अरुण भैया जी कटंगी के निर्देशन में शुरू हो गया है। आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद से बंदियों द्वारा हाथकरघा की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर विधान का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 108 इंद्र, इंद्राणी हिस्सा लेकर बंदियों के हितार्थ विधान करेंगे।