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पीक पर डेंगू: एकाएक प्लेटलेट्स घटने से गंभीर स्थिति में पहुंच रहे मरीज

डेंगू इस समय पीक पर है। अस्पतालों में डेंगू संदिग्धों की संख्या ज्यादा है लेकिन एलाइजा जांच के अभाव में पुष्टि सिर्फ 68 मरीजों की हो पाई है। हालात ये हैं कि जिलेभर में रोज हो रही करीब 2500 सीबीसी जांचों में हर दसवें मरीज की प्लेटलेट्स कम निकल रहीं हैं।

सागरNov 03, 2024 / 05:39 pm

Rizwan ansari

medical collage sagar

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संदिग्धों की संख्या ज्यादा इसलिए बरतें सावधानी, लगातार बुखार है तो जांच जरूरी

सागर. डेंगू इस समय पीक पर है। अस्पतालों में डेंगू संदिग्धों की संख्या ज्यादा है लेकिन एलाइजा जांच के अभाव में पुष्टि सिर्फ 68 मरीजों की हो पाई है। हालात ये हैं कि जिलेभर में रोज हो रही करीब 2500 सीबीसी जांचों में हर दसवें मरीज की प्लेटलेट्स कम निकल रहीं हैं। हालांकि प्लेटलेट्स गिरने के लिए डेंगू सहित मलेरिया, वायरल फीवर सहित कई बीमारियां भी कारण हो सकतीं हैं, ऐसे में जरूरी है कि मरीज जागरूकता दिखाएं और लगातार बुखार आने पर डेंगू की जांच कराएं। डेंगू होने पर प्लेटलेट्स एकाएक गिर जातीं हैं और फिर मरीज की जान पर भी बन आती है। 10 प्रतिशत संदिग्ध मरीजों में से कुछ मरीज गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिनकी प्लेटलेट्स 50 हजार के नीचे पहुंच जाती है।
प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार से कम होने पर रहता है खतरा
विशेषज्ञों की मानें तो बारिश के बाद डेंगू का सीजन शुरू हो जाता है। घरों के आसपास जमा हुए साफ पानी में डेंगू के लार्वा पनपते हैं और मच्छर के काटने पर वायरस शरीर में चला जाता है। इसी सीजन वायरल फीवर व मलेरिया में कहर बरपाते हैं। ऐसे में शरीर की प्लेटलेट्स जो सामान्य स्थिति में डेढ़ से छह लाख होनी चाहिए वह गिर जाती हैं, डॉक्टर्स की मानें तो प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार और उससे कम होने पर जान पर भी बन आती है।
जल्द रिकवर हो रहे मरीज-
बीएमसी में 8-10 मरीज तो शहर की निजी अस्पतालों में रोज 3-4 संदिग्ध मरीज पहुंच रहे हैं। संभागीय मुख्यालय की अस्पतालों में प्रतिदिन 8 से 10 मरीज ऐसे पहुंच रहे हैं, जिनकी प्लेटलेट्स 40 से 20 हजार के बीच होतीं हैं, जो की गंभीर स्थिति है, हालांकि डॉक्टर्स बता रहे हैं कि राहत की बात यह है कि अस्पताल में पहुंचने वाले इन मरीजों की सेहत 2-3 तीन में सुधर रही है।
एलाइजा की जगह सीबीसी जांचें हो रहीं-
जिले में डेंगू की एलाइजा जांच सिर्फ बीएमसी में ही हो रही है, जांच में शुद्धता तो होती है, लेकिन इसमें समय लग जाता है, इसलिए मरीज व डॉक्टर्स प्लेटलेट्स काउंट के लिए ब्लड की सीबीसी जांच कराकर इलाज शुरू कर देते हैं। यही कारण है कि जिले में डेंगू के दर्ज केस की संख्या मात्र 68 रह गई है।
-सामान्यत: दीपावली तक डेंगू का पीक समय होता है, इसके बाद केसों की संख्या कम होने लगती है। लार्वा सर्वे का कार्य जारी है, लोगों को डेंगू से बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं, मलेरिया व अन्य बीमारियों में भी प्लेटलेट्स गिरते हैं, लोग डेंगू की एलाइजा जांच कम करा रहे हैं। इस सीजन अब तक करीब 68 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो हुई है।
देवेश पटैरिया जिला मलेरिया अधिकारी।

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