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सागर

शहर में भी बाढ़ जैसे नज़रें देखें तस्वीरों में…

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6 years ago
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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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दमोह में हुई बारिश का असर यह हुआ कि पूरे शहर के निचले क्षेत्र जल मग्न हो गए। रात्रि 2 बजे के बाद घरों में पानी भरने से लोग रतजगा करते हुए पानी बाहर उलीचते रहे, लेकिन बारिश लगातार होने से यह क्रम बुधवार की दोपहर 11 बजे तक जारी रहा। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में हुई जहां पर लोगों ने प्लाट लेकर मकान तो बना लिए लेकिन नाली व सड़क न होने से आलीशान मकान भी पानी में डूबते हुए नजर आए। हटा नाके के आगे बनी कॉलोनी में कमर तक पानी था। एमएलबी स्कूल में तीन फुट पानी भर गया था। किल्लाई नाके से मुक्तिधाम के बीच के नाले में बाढ़ जैसे हालत बन जाने से इस क्षेत्र की कॉलोनियों में जमकर जलभराव होने लोग परेशान हो रहे थे। जबलपुर नाका, सुरेखा कॉलोनी, बजरिया 6, बगिया मोहल्ला, शोभानगर सहित अन्य क्षेत्रों में लोग जलभराव की स्थिति से परेशान हो रहे थे। वन विभाग की कॉलोनी, किल्लाई नाका स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के क्वार्टरों में पानी भर गया था। जहां बड़े पानी की समस्या से परेशान थे, वहीं सुबह होते ही बच्चे सड़कों पर बाढ़ जैसे बह रहे पानी में अठखेलियां करते हुए नजर आए।

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