…तो क्या इससे ही मिलती है दुआ?
इस सवाल पर किन्नर कटरीना का कहना था कि हम हाथ फैलाते है लोग उसमें रुपए डालते है। उनके लिए मुख से सदा खुश रहन के वाक्त तो निकलते है, लेकिन इसे दिल की दुआ नहीं कहा जा सकता। किन्नर से दुआ देने की आवश्यकता नहीं होती है। न ही उससे कुछ वस्तु, रुपए आदि मांगने की आवश्यकता होती है। किन्नर को अगर आपका व्यवहार छू लेता है तो वह आपके लिए संसार की खुशी दुआ में मांग लेता है। फिर चाहे आपने किन्नर के लिए कुछ किया हो या नहीं। एक आपकी बातें और व्यवहार ही यह काम कर सकते है।किन्नर की दुआ मिले, क्या करना चाहिए ?
आप किसी को दुआ क्यों देते है? क्योंकि, आपको लोग पैसा देते है या फिर आपके प्रति संवेदना या अपनत्व व्यक्त करते है। लगाव ही दुआ है। वैसे तो खुशी के माहौल में नाचने-गाने के लिए अक्सर किन्नरों को मेहमान बनाकर हम घरों में बुलाते है, लेकिन मौजूदा समय में उतना लगाव हमें देखने नहीं मिलता है। किन्नरों को अवसर खत्म होने पर विदा तो किया जाता है, लेकिन अनेक बार किन्नर नाखुश होकर ही लौटते है। ऐेसे में वह आपके बच्चे, वर-वधु व अन्य को सदा खुश रहने और बरकत की दुआ तो कर जाते है, लेकिन खुद नाखुश होकर लौटते है। जिससे दुआएं काम नहीं करती है। कटरीना के अनुसार जब भी आपके घर किन्नर आ जाये उनकी मेहमान नवाजी कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
कौन सी है वह जादुई लाइन ?
कटरीना के अनुसार जब किन्नर रुपए मांगे तो दीजिए अपने अनुसार ही, लेकिन उस वक्त सिर्फ एक जादुई लाइन जरूर बोले। जो यह है कि”आपका आगमन हमारे घर की खुशियों का संकेत है ईश्वर आपको फिर से जल्दी हमारे घर भेजें” इतना सा बोलने मात्र से ही वो बहुत खुश हो जाएगी और सच्चे मन से आपको दुआ देकर जाएगी। सभी जानते है कि किन्नर घरों में हमारी खुशियों को सांझा करने को आते है, ऐसे में कोशिश करना चाहिए कि वो हमारे घर से नाराज होकर नहीं बल्कि खुश होकर जाए। जिससे उनकी आशीर्वाद आपको मिल जाए और आपकी घर की खुशियां दिन दोगुनी और रात चौगुनी बढ़ती जाएं।