दर्ज हो सकती है एफआईआर
शहर में करीब वर्ष-2002 से 2004 से अवैध होर्डिंग्स का मकडज़ाल बिछाना शुरू हुआ था। कतिपय लोगों ने शहर के नेताओं से सांठगांठ करके शहर में जगह-जगह होर्डिंग्स तान दिए, जबकि निगम कार्यालय में चंद ही होर्डिंग्स रजिस्टर्ड कराए। इस फर्जीवाड़े में निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों की भी मिलीभगत रही जिसके कारण अवैध होर्डिंग्स से एजेंसियों ने करोड़ों रुपए कमाए। यही वजह है कि अब निगम प्रशासन इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करा सकती है।
सोमवार को 50 होर्डिंग्स किए जमींदोज
सोमवार को निगम की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी रही। इस दौरान टीम ने शहर में दो स्थानों पर मुहिम चलाई। पहली कार्रवाई डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय मार्ग पर हुई जहां एफएसएल से वीसी बंगला तक करीब 22 होर्डिंग्स हटाए। इसके बाद टीम ने खुरई मार्ग पर कार्रवाई की जहां इंद्रा नेत्र चिकित्सालय समेत पूरे क्षेत्र में करीब 25 से 30 अवैध होर्डिंग्स को हटाया और सारे माल को जब्त किया।
फैक्ट फाइल
– 600 के लगभग अवैध होर्डिंग्स हटाए
– 20 से ज्यादा दिनों से जारी है कार्रवाई
– 10 से 12 हजार रुपए प्रतिदिन कार्रवाई में हो रहा खर्च
– 15 से ज्यादा सालों से लगे थे शहर में अवैध होर्डिंग्स