कहां-कैसी है स्थिति
– पीली कोठी यातायात की दृष्टि से सबसे संवेदनशील स्थान है। यहां पर गाइडलाइन के मुताबिक होर्डिंग्स लगने की मनाही है लेकिन यहां पर कैंट की जमीन पर बड़ी संख्या में होर्डिंग्स व फ्लैक्स लगा दिए गए हैं। कैंट बोर्ड के अफसरों ने मानो इनको खुली छूट ही दे दी है।
– सिविल लाइन क्षेत्र में एक-एक करके कई होर्डिंग्स खड़े हो गए हैं। यहां पर चंद होर्डिंग ही वैध की श्रेणी में आते हैं लेकिन निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से यह कारोबार दोबारा चल निकला है।
– तहसीली मार्ग पर शासकीय कार्यालयों के पास भी एक दर्जन होर्डिंग्स रातों-रात खड़े कर दिए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इस मार्ग पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत निर्माण कार्य भी किया जा रहा है फिर भी निजी और सरकारी जमीनों पर होर्डिंग्स लगाए गए हैं।
ऐसे खड़ा करते हैं अवैध होर्डिंग
होर्डिंग्स व फ्लैक्स माफिया पिछले कुछ सालों से अवैध होर्डिंग्स को लेकर खास प्लानिंग बनाए हुए हैं। जैसे ही शहर के किसी नेता को कोई महत्वपूर्ण पद मिलता है तो उनके फॉलोअर्स व गैंग के लोगों की फोटो के साथ पहला होर्डिंग व फ्लैक्स लगा देते हैं। इसके बाद फिर उनके परिचित के जन्मदिन का फ्लैक्स टांग देते हैं। इसके बाद फिर अपनी दुकानदारी शुरू कर देते हैं।
नेताओं को निशुल्क हैं होर्डिंग
सूत्रों की माने तो शहर में जितने में अवैध होर्डिंग्स लगे हुए हैं वे नेताओं के लिए पूरी तरह से निशुल्क हैं। यही वजह है कि आज तक कोई भी नेता अवैध होर्डिंग को लेकर बयानबाजी नहीं करता है क्योंकि इससे उनका ही ज्यादा नुकसान होगा। इतना ही नहीं होर्डिंग्स के रूप में होने वाली मोटी कमाई के कारण कुछ छुटभैया नेताओं ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर खुद के भी 20-30 होर्डिंग लगा लिए हैं।