महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ। अधिकतर लोगों की मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि महत्वपूर्ण मानी जाती है।
20 को होगा होलिका दहन होलिका उत्सव को फाल्गुनिका के नाम से भी जाना जाता है। होली त्योहार का पहला दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है, जिसे धुलेंडी है। होली बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।
12 मार्च तक है शादी मुहूर्त
आठ मार्च को फुलेरा दूज होने के कारण विवाह समेत मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दिन बड़ी संख्या में शादी समारोह होंगे। कुछ विद्वानों के अनुसार इसमें सूर्य, गुरु आदि का बल देखने की आवश्यकता नहीं रहती। इसे स्वयंसिद्ध मुहूर्त कहा गया है। ज्योतिष गणना की बात करें तो इस दौरान पांच दिन विवाह के लग्न मुहूर्त हैं। 12 मार्च को शादी का आखिरी लग्न है। इसके बाद अप्रैल में मांगलिक कार्यों के लिए समय मिलेगा।
आठ मार्च को फुलेरा दूज होने के कारण विवाह समेत मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दिन बड़ी संख्या में शादी समारोह होंगे। कुछ विद्वानों के अनुसार इसमें सूर्य, गुरु आदि का बल देखने की आवश्यकता नहीं रहती। इसे स्वयंसिद्ध मुहूर्त कहा गया है। ज्योतिष गणना की बात करें तो इस दौरान पांच दिन विवाह के लग्न मुहूर्त हैं। 12 मार्च को शादी का आखिरी लग्न है। इसके बाद अप्रैल में मांगलिक कार्यों के लिए समय मिलेगा।