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धुड़ेली आज, धूम मचाएंगी हुरियारों की टोली

locationसागरPublished: Mar 20, 2019 08:10:59 pm

शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में हुआ होलिका दहन

धुड़ेली आज, धूम मचाएंगी हुरियारों की टोली

धुड़ेली आज, धूम मचाएंगी हुरियारों की टोली

सागर. रंगों के त्योहार होली की धूम बुधवार से ही शुरू हो गई है। दिनभर जहां रंग-गुलाल लगाकर एक-दूसरों को होली की शुभकामनाएं दी वहीं रात में शुभ मुहूर्त में होलिका दहन हुआ। पं शिवप्रसाद तिवारी ने बताया होलिका दहन के साथ पांच दिवसीय त्योहार की शुरूआत हो गई। फाल्गुन पूर्णिमा यानि बुधवार को प्रदोष काल में होलिका दहन किया गया। 20 मार्च को भद्रा पूंछ शाम 5.35 से 6.35 और भद्रा मुख शाम 6.35 से 8.17 बजे तक रहा। ऐसे में होलिका दहन शुभ मुहुर्त रात्रि 8.58 बजे के बाद ही हुआ।

गुरुवार को होली पर लोग एक दूसरे को रंग, गुलाल और अबीर लगाकार होली की बधाई देंगे। शहर में होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा। बच्चे पिचकारियों से होली पर रंग बरसाएंगे। सुबह से शाम तक सब होली के रंग में नजर आएंगे। शहर में एक दिन पहले की होली का खुमार चढ़ा। दिनभर युवाओं ने जमकर होली खेली।

गाजे-बाजे साथ होलिका दहन
पंडित श्रवण मिश्रा ने बताया भद्रा के बाद रात 9.०० बजे परम्परागत तरीके से गाजे-बाजे के साथ होलिका दहन किया गया। यहां सबसे बड़ा होलिका दहन का कार्यक्रम किया जाता है। इस मौके पर श्रध्दालुओं ने होलिका की परिक्रमा की और नई आग को अपने घर में ले जाकर घर में होलिका जलाई। आपदा और विपदाओं से दूर रहने के लिए होलीका दहन में उरद की दाल के दाने डाले। यहां मुहल्ले में सभी लोगों के सहयोग से होलिका दहन होता चला आ रहा है। १५० से अधिक स्थानों पर हुआ होलिका दहन होलिका दहन कार्यक्रम शहर के लगभग सभी मुख्य चौराहों पर आयोजित किया गया। बड़ाबाजार, मोतीनगर, मातामडिय़ा, गोपालगंड, मुख्य बसस्टैंड, इतावारा बाजार, विजय टॉकीज, राधाटॉकीज चौराह, तीनवत्ती, कटरा, परकोटा, बसस्टैण्ड, पुरव्याऊ टौरी, सदर, चकराघाट, तिली , डॉ हरिसिंह गौर विवि परिसर और मकरोनिया चौराहे सहित सभी प्रमुख स्थानों पर होलिका दहन हुआ।

रंग-पिचकारी खरीदने बाजार में उमड़ी भीड़

धुड़ेली के एक दिन पहले बाजार में दिनभर खरीददारों की भीड़-भाड़ रही। एक ओर बच्चों में इस त्योहार को लेकर उत्साह है तो वहीं दूसरी ओर घरों में महिलाएं होलिका पूजन की तैयारियों में जुट चुकी हैं। बाजार में हर्बल रंगों को भी हर बार की तरह इस बार शामिल किया गया है। होली ़बच्चों के लिए कार्टून पिचकारी पिचकारियों का शौक खासकर बच्चों को अधिक रहता है। पसंदीदा कार्टून बार्बी, मिनी अनंस, छोटा भीम, मोटू-पतलू, डोरेमोन, एंग्री बर्ड आदि के आकार की डिजाइनर पिचकारियों की कलेक्शन को बाजार में उतारा गया है

केमिकल वाले रंगों से बचे

आजकल बाजारों में केमिकल युक्त रंग बेचे जा रहे हैं जो त्वचा को हानि पहुंचा सकते हैं। होली के रंगों से आपकी त्वचा में एलर्जी हो सकती है। जिससे त्वचा में रेडनेस और खुजली की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा कई बार रंगों के चलते त्वचा पर लाल दाने और घाव हो जाते हैं। इसलिए सुरक्षित तरीके से प्राकृति रंगों से होली मनाएं।

राशि के अनुसार इन रंगों से खेले होली
मेष और वृश्चिक राशि के लोग गहरे लाल रंग से होली खेलें।

वृष और तुला राशि के लोग श्वेत यानी सफेद रंग से होली खेलें।
मिथुन और कन्या राशि वाले लोग हल्के हरे रंग से होली खेलें।

कर्क राशि वाले दूध के रंग से होली खेलें।
सिंह राशिवाले लोग गुलाबी रंग से होली खेलें।

धनु और मीन राशिवाले लोग हल्के पीले रंग से होली खेलें।
मकर और कुंभ राशिवाले लोग हल्के नीले रंग से होली खेलें तो उन्हें लाभ होगा।

कवि पद्माकर को गुलाल लगाकर शुरु होगी साहित्यकारों की होली
शहर के साहित्यकारों द्वारा रंगों के पर्व होली की शुरुआत गुरुवार को सुबह 9.30 बजे चकराघाट स्थित महाकवि पद्माकर की प्रतिमा पर पुष्पहार पहनाकर, उन्हें रंग-गुलाल लगाकर की जाएगी। प्रतिवर्ष परम्परागत रुप से आयोजित किये जाने वाले इस कार्यक्रम के आयोजक और बुन्देलखण्ड हिन्दी साहित्य संस्कृति विकास मंच सागर के महामंत्री मणीकांत चौबे ने बताया कि इस वर्ष के आयोजन में मुख्य अतिथि पं. माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भोपाल के नवनियुक्त कुलपति दीपक तिवारी होंगे शाम को 7 बजे से गौर मूर्ति पर प्रतिवर्षानुसार कवि सम्मेलन भी आयोजित होगा।

 

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