सागर जिले के किसान मुकेश कुशवाहा ने भी देसी पद्धति से एक कोल्ड स्टोरेज अपने ही घर में बना लिया है। जिसमें वे कुछ माह तक उपज को सुरक्षित रख सकेंगे और भाव बढ़ने पर उसे बेच देंगे। जिन क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज नहीं हैं। ऐसे मे देसी तरीके से उपज को स्टॉक करना लाभदायक साबित हो रहा है।
10 हजार में बन जाएगा होममेड कोल्ड स्टोरेज
होममेड कोल्ड स्टोरेज को बनाने में दस हज़ार से लेकर बारह हज़ार का खर्च आता है। प्याज के सुरक्षित भंडारण के चलते अब अच्छे भाव आने तक फसल को संभाल कर रख सकते हैं। यही प्याज यदि इस समय बेचे जाए तो इनका लागत मूल्य भी नहीं मिलेगा।
ऐसे बना सकते हैं कोल्ड स्टोरेज
एक बड़े हॉल में जमीन पर दूर-दूर ईंट रखकर उस पर जाली रखी जाती है और कुछ-कुछ दूरी पर ट्री-गार्ड रखकर उसके चारों तरफ पॉलीथिन या प्लास्टिक बांधी जाती है। ट्री गार्ड के ऊपर एग्जास्ट पंखे लगाए जाते हैं। नीचे रखी जाली पर प्याज को डाल दिया जाता और ट्री गार्ड बीच में आ जाते हैं। एग्जास्ट पंखे चलने पर हवा जमीन तक पहुंचती और फिर वापस नीचे से हवा प्याज के अंदर से ऊपर तक आती है। यह सिस्टम पूरा हवादार होने के कारण इसमें प्याज खराब नहीं होती है। पंखा दिन और रात में कुछ समय के अंतराल से चलाया जाता है। बारिश में नमी से बचाने का भी ध्यान रखा जाता है। कई किसान सीलिंग फेन के नीचे भी प्याज को खुला रख देते हैं, इस पर भी हवा लगने से प्याज खराब नहीं होती है, लेकिन इसमें नीचे की प्याज तक हवा न पहुँचने के कारण वो खराब हो सकती है।
खुद के कोल्ड स्टोरेज में बच गई फसल
प्याज की खेती करने वाले किसान मुकेश कुशवाहा ने बताया कि यदि इतने कम दामों में प्याज बेचेंगे तो घाटा होगा। इसलिए देसी तरीके से प्याज का स्टॉक किया है। पिछले वर्षों में भी इसी तरीके से स्टॉक किया था, तो प्याज खराब नहीं हुई थी। कुछ दिनों बाद प्याज के दाम बढऩे की उम्मीद है।