दो महीने से नहीं दिया वेतन –
जानकारी के अनुसार होमगार्ड सैनिकों को सागर सहित बुंदेलखंड के टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, दमोह और पन्ना जिलों में अगस्त और सितम्बर माह का वेतन नहीं दिया गया है। संभाग में 700 से ज्यादा होमगार्ड सैनिक ऐसे हैं जिन्हें दो-दो महीने का वेतन नहीं मिला है। इनमें से लगभग 500 जवानों की ड्यूटी महाराष्ट्र चुनाव में लगाई गई है।
वेतन भुगतान किश्तों में –
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ महीने से होमगार्ड जवानों के सामने नियमित वेतन का संकट चल रहा है। कभी एक माह का वेतन मिलता है तो दो-तीन महीने बिना वेतन के काटने पड़ते हैं। कभी-कभी तो महीने का वेतन सात दिन की किश्तों में दिया जा रहा है जिसके कारण होमगार्ड जवानों के परिवार आर्थिक संकट में घिरे हुए हैं।
अधिकारियों को नहीं पूरी खबर –
होमगार्ड जवानों को दो माह से पूरा वेतन नहीं मिल रहा है। जुलाई का वेतन भी किश्तों में दिया गया लेकिन अधिकारियों को इसकी खबर नहीं है। होमगार्ड डीजी अशोक दोहरे ने नियमित वेतन के सवाल पर कहा कि शासन स्तर से आवंटन की समस्या है। दो माह का वेतन नहीं दिया गया है। जल्द ही भुगतान कराएंगे। लेकिन वे दो माह के वेतन न मिलने से होगमार्ड सैनिकों की परेशानी हो नहीं समझ पाए।
800 रुपए भत्ता देकर भेज रहे महाराष्ट्र –
होमगार्ड जवान दो महीने से वेतन का संकट झेल रहे हैं। इससे पहले भी उन्हें टुकड़ों में वेतन दिया गया जिस वजह से जिले के 300 से ज्यादा होमगार्ड जवान परेशान हैं। इनमें से 150 से ज्यादा सैनिकों की ड्यूटी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में लगा दी गई है। उन्हें होमगार्ड मुख्यालय ने 17 अक्टूबर की शाम को महाराष्ट्र रवाना होने का पत्र भी थमा दिया है। दो महीने से वेतन न मिलने से बेहाल होमगार्ड जवानों को चुनाव ड्यूटी के नाम पर 800 रुपए का भत्ता थमाया गया है। लेकिन महाराष्ट्र के किसी भी शहर में कम से कम आठ दिन रुपने यह राशि पर्याप्त नहीं है।
डीजी-कमांडेंट किसी को नहीं सरोकार –
होमगार्ड जवानों में बिना वेतन परिजनों को अकेला छोड़कर ड्यूटी पर भेजने को लेकर असंतोष बना है। दिवाली प्रमुख त्यौहार है और इस पर लोग परिजनों के साथ रहना चाहते हैं लेकिन इस महत्वपूर्ण त्यौहार पर भी होमगार्ड सैनिकों को माता-पिता, पत्नी और बच्चों को वेतन के बिना आर्थिक मुश्किलों में छोड़कर जाना पड़ रहा है। जवानों के परिवार इस निर्णय को अमानवीय बता रहा हैं। उनका कहना है कि डीजी, कमांडेंट और उच्च अधिकारियों को मोटी राशि वेतन के रूम में मिलती है लेकिन होमगार्ड जवानों का परिवार मामूली वेतन में चलता है। इसके बाद भी आर्थिक संकट में कटौती उनके वेतन से की जा रही है। उच्चाधिकारियों का वेतन इस कटौती से बाहर है।
सीधी बात :
अशोक दोहरे, डीजी होमगार्ड
प्र. संभाग के 500 और प्रदेश के5000 होमगार्ड जवानों को दो महीने से ज्यादा समय से वेतन नहीं मिला है ?
उ. शासन स्तर से आवंटन की परेशानी है, जल्द ही रुपए मिलने पर वेतन का भुगतान कराने की तैयारी है।
प्र. वेतन सात-सात दिन के टुकड़ों में क्यों दी जा रही है ?
उ. वेतन नहीं सात दिन की राशि भत्ते के रूप में एडवांस दी है।
प्र. अगस्त से पहले जुलाई माह में भी सात दिन का वेतन दिया गया था ?
उ. सात दिन का वेतन दिया गया हो यह संभव नहीं, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है।
प्र. दिवाली से पहले भत्ते के रूप में मिलने वाले 800 रुपए जवान घर देंगे या उसे लेकर ड्यूटी पर जाएंगे ?
उ. ऐसा नहीं है दिवाली से पहले जवानों को वेतन भुगतान कराने की कोशिश की जा रही है।