बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा व उनके विकास के लिए तमाम अभियानों, कार्यक्रमों के बाद भी समाज में शोषण की जड़ें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं।
लड़की के रिश्तेदार, सगे संबंधी उसको नोंच खाने के लिए तैयार बैठे रहते हैं। या तो बात का खुलासा नहीं होता। होता है तो उसे दबा दिया जाता है।
विडंबना यह कि सारे दोषों का ठीकरा लड़की के ही सिर फोड़कर लड़की को बदनामी के आजीवन दलदल में धकेलकर मामले को सहजता से खत्म कर दिया जाता है।
शोषण करने वाले, धमकाने वाले, प्रकरण दबाने वाले, लड़की पर ही आरोप लगाने वाले, सभी उसके अपने! आखिर लड़की क्या करे? क्या है इसका समाधान? कहां है इसका समाधान? इसी ताने-बाने और इन्हीं सवालों को उठाते नाटक 'तितलीÓ का मंचन बुधवार को रवीन्द्र भवन में किया गया।
अन्वेषण थिएटर ग्रुप के पांच दिवसीय नाट्य समारोह के तहत पंकज सोनी लिखित इस नाटक की प्रस्तुति छिंदवाड़ा की संस्था नाट्य गंगा द्वारा दी गई। नाटक का निर्देशन सचिन वर्मा ने किया।