सागरPublished: Dec 15, 2019 03:32:17 pm
manish Dubesy
किसानों से खरीदकर खुले में रखी धान की सैकड़ों बोरियां बारिश में भींगी
किसानों से खरीदकर खुले में रखी धान की सैकड़ों बोरियां बारिश में भींगी
लापरवाही: किसानों से खरीदकर खुले में रखी धान की सैकड़ों बोरियां बारिश में भींगी
रहली के छिरारी में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू,
इधर देवरी में धान की खरीदी शुरू न होने से किसानों में नाराजगी
सागर/रहली. जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए स्थापित किए गए तीन में से एक केंद्र पर खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन यहां शुरूआत में ही लापरवाहियां उजागर होने लगी हैं।
रहली के छिरारी में संचालित केंद्र पर किसानों से खरीदी गई धान खुले मैदान में रखे होने के कारण सैकड़ों बोरियां बीते दिनों हुई बारिश में भीग गई है। इसमें एक बार फिर नागरिक आपूर्ति निगम (नान) की लापरवाही उजागर हो रही है। नान के अधिकारी यदि समय रहते खरीदे गए माल का उठाव कर गोदामों में पहुंचा देते तो शायद यह नुकसान नहीं होता।
हालांकि स्थानीय प्रबंधन अब बारिश में भीगी धान को धूप में सुधाने के प्रयास में जुट गया है।
उचित दाम न मिलने से घट रहा रकबा:जानकारी के अनुसार रहली क्षेत्र के छिरारी, मोहली, हरदुआ, हिनौती, आखीखेड़ा, खापा, पटना मुहली, बंदरचुआ, चनगुंवा, सुहागपुरा में और गढ़ाकोटा क्षेत्र के बलेह, मानेगांव, हरदुआ बलेह, सिमरिया बलेह सहित नौरादेही अभयारण्य के आसपास के गांव में किसान धान की खेती करते हैं। हालांकि बाजार में उचित दाम न मिलने के कारण बीते कुछ सालों में यहां पर धीरे-धीरे धान का रकबा कम हो रहा है।
कृषि विभाग के अनुसार इस साल रहली व गढ़ाकोटा में सिंचित व असिंचित को मिलाकर कुल 836 हेक्टेयर रकबे में धान बोई गई थी। किसानों का कहना है कि यदि समर्थन मूल्य पर खरीदी होने की जानकारी पहले से होती तो वे खरीफ सीजन में जो खेत खाली छोड़ दिए थे उनमें धान की बुआई कर लेते।
24 हजार क्विंटल हो चुकी खरीदी
कृषि उपज मंडी में छिरारी केन्द्र द्वारा धान की खरीदी की जा रही है समिति प्रबंधक विजय जैन ने बताया कि अभी तक 24 हजार क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। जिसमें से 18 हजार क्विंटल का परिवहन तो किया जा चुका है, लेकिन ६ हजार क्विंटल धान अभी भी टीनशेड व उसके आसपास रखी हुई है। परिवहन में हो रही देरी के कारण बारिश में तो धान भीग ही रही है, साथ ही केंद्र पर स्टॉक बढऩे के कारण खरीदी में भी परेशानी हो रही है। प्रबंधक जैन ने बताया कि जैसे-जैसे किसानों के पास मैसेज पहुंच रहे हैं वे अपनी उपज लेकर केंद्र पर आ रहे हैं।
राजनीतिक हस्तक्षेप, शुरू नहीं हो सकी खरीदी
देवरीकला. समर्थन मूल्य खरीदी में राजनीतिक हस्तक्षेप होने के कारण देवरी में अब तक खरीदी शुरू नहीं हो सकी है। खरीदी के लिए देवरी सहकारी समिति को आदेश जारी हुए थे, लेकिन पुराने आदेश को निरस्त कर अब महाराजपुर सहकारी समिति को खरीदी केंद्र खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। खरीदी में देरी को लेकर अब यह आरोप भी लगने लगे हैं कि राजनीतिक लोग अपने करीबियों को केंद्र दिलाना चाह रहे हैं और इस सबके बीच फसे किसानों में अब नाराजगी देखने को मिल रही है।