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एक ट्रेन के भरोसे रहे सैकड़ों यात्री, पैर रखने को भी नहीं मिली जगह

locationसागरPublished: Oct 13, 2018 04:51:49 pm

Submitted by:

manish Dubesy

कटनी जाने वाली ट्रेनें हुईं रद्द, बसों में भी भीड़

Hundreds of passengers on the basis of a train no place to live

Hundreds of passengers on the basis of a train no place to live

बीना. त्योहार के सीजन में रेलवे ने कटनी तक आने-जाने वाली छह टे्रनों को रद्द कर दिया है। इस कारण सैकड़ों यात्री परेशान होते रहे। रेलवे के अचानक टे्रन कैसिंल करने की जानकारी भी लोगों के लिए नहीं लग सकी थी इसलिए वह शुक्रवार को जब टे्रनों के निर्धारित समय पर पहुंचे तो उन्हें मायूस होकर घर वापस लौटना पड़ा। जिन्हें शुक्रवार को ही यात्रा करनी थी वो बस व निजी वाहन से अपने गंतव्य तक गए।
कटनी मुड़वारा स्टेशन के पास टै्रक मेंटेनेंस का काम किया जा रहा है। जिसका बहाना लेकर रेलवे द्वारा यात्रियों को परेशान किया जा रहा है। जबकि बिलासपुर से आने वाली बिलासपुर-भोपाल पैंसेजर कटनी तक चलाई जा रही है। वहीं बीना, दमोह, सागर के लोग परेशान हो रहे हैं। शुक्रवार सुबह आठ बजे बीना से कटनी जाने वाली पैसेंजर टे्रन कैसिंल होने के कारण सैकड़ों यात्री परेशान हुए। क्योंकि बीना से सागर प्रतिदिन कई लोग अपडाउन करते हैं, जिन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अपडाउन करने वाले यात्री विकास ने बताया कि वह रोज की तरह शुक्रवार सुबह आठ बजे स्टेशन पहुंच गए थे, लेकिन स्टेशन पहुंचने के बाद उन्हें पता चला कि आज टे्रन रद्द है। उन्होंने बताया कि सागर न पहुंच पाने के कारण उनके काम का नुकसान हुआ है।
कटाई करने वाले मजदूरों को हुई ज्यादा परेशानी
खरीफ की फसल काटने के लिए आए सैकड़ों मजदूर फसल कटाने के बाद घर वापस जा रहे हैं। रोजाना करीब पांस सौ से ज्यादा मजदूर कटनी की ओर यात्रा कर रहे हैं। शुक्रवार को जब बीना-कटनी व भोपाल-बिलासपुर पैसेंजर टे्रन नहीं चली तो वह दोपहर डेढ़ बजे तक दूसरी टे्रन का इंतजार करते रहे। इतना ही नहीं नवरात्रि के अवसर पर हजारों लोग मैहर मां शारदा के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं, जिन्हें टे्रन नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ रहा है।
त्योहार पर माता के दर्शन करने के लिए लोग नहीं जा पा रहे हैं जिससे उनमें रोष है।

महिलाओं तक ने की पायदान पर बैठकर यात्रा
दोपहर डेढ़ बजे 51603 बीना-कटनी पैंसेजर एक मात्र टे्रन चलाई गई जो प्लेटफॉर्म पर जैसे ही जाने के लिए खड़ी की गई चंद सैकंडों में ठसाठस भर गई। इस टे्रन में सबसे ज्यादा कटनी की ओर जाने वाले मजदूर थे। सभी मजदूर सुबह से टे्रन का इंतजार कर रहे थे। टे्रन में जगह न होने से लोग बोगी में शौचालय के पास झूला बनाकर यात्रा करते नजर आए। वहीं ट्रेन में जगह न मिलने के कारण महिलाओं के लिए भी पैरदान पर बैठकर यात्रा करनी पड़ी।

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