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अलग-अलग रह रहे पति, पत्नी में हुई सुलह, साथ रहने का किया वादा

नेशनल लोक अदालत में 160 प्रकरणों का हुआ निराकरण

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Husband and wife living separately reconciled, promised to live together

लोक अदालत में लगे विभागों के स्टॉल पर खड़े लोग

बीना. न्यायालय परिसर में शनिवार को जिला न्यायाधीश व विधिक सेवा समिति अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार कुंडू की अध्यक्षता में लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें पांच खंडपीठ बनाई गई थीं।

लोक अदालत में बैंक, फायनेंस कंपनी के कुल 3106 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में से 32 निराकृत किए गए और 991508 रुपए का आवार्ड पारित किया गया। नपा के 120 संपत्ति और 100 जलकर के प्रकरण में से 49 का निराकरण किया गया, जिसमें 236175 का आवार्ड पारित हुआ। न्यायालयों से लंबित प्रकरणों में से एनआइए 138 प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर 22340017 रुपए की वसूली हुई और सिविल के प्रकरणों में 32593519 रुपए का आवार्ड पारित किया गया। कुल 160 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया। लोक अदालत में जेएमएफसी मीनाक्षी शर्मा, जेएमएफसी शरद जोशी, जेएमएफसी मदुल जैन, जेएमएफसी सलोनी जैन, अभिभाषक संघ अध्यक्ष रविन्द्र कुमार जैन, सचिव राहुल माथुर आदि उपस्थित थे।

जीवनभर साथ रहने का लिया संकल्प
जिला न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार कुंडू के न्यायालय में लंबित एचएमए प्रकरण में अभिषेक पंथी की ओर से अधिवक्ता अरूण श्रीमाली ने धारा ०9 का आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। वहीं, सोनम की ओर से अधिवक्ता रामकुमार पुरोहित ने परिवाद पेश किया था और करीब सात माह से प्रकरण न्यायालय में लंबित था। वर्ष 2020 में शादी हुई थी और कुछ दिन बाद ही विवाद होने लगा था, इनकी दो संतान भी हैं, विवाद के चलते एक बच्चा मां, तो दूसरा पिता के पास रहने को मजबूर था। न्यायाधीश की समझाइश पर दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर जीवनभर साथ रहने का वादा किया। वहीं, भूपेन्द्र और कृष्णा रैकवार दोनों विवाह के कुछ माह बाद से अलग रह रहे थे, जिसमें न्यायालय की समझाइश पर दोनों ने साथ रहने का वादा किया।

मोटर दुर्घटना के प्रकरण में दी गई नौ लाख रुपए
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायालय में लंबित मृतक गौरीशंकर नामदेव के एक क्लेम प्रकरण में न्यायाधीश और अधिवक्ता की समझाइश पर मृतक की पुत्री ममता नामदेव को नौ लाख रुपए क्षतिपूर्ति राशि बीमा कंपनी ने दी।