scriptपैसा होता तो नहीं लेते जहरीले धुआं में सांस | If had money, do not breathe in toxic smoke | Patrika News

पैसा होता तो नहीं लेते जहरीले धुआं में सांस

locationसागरPublished: Feb 21, 2020 10:34:12 pm

14 फरवरी से आज तक धधक रहा अमावनी, निगम प्रशासन हर दिन कर रहा आग बुझाने के नाम पर खेल, दिनभर में एक गाड़ी लेकर औपचारिकता पूरी करके लौट आते हैं वापस

पैसा होता तो नहीं लेते जहरीले धुआं में सांस

पैसा होता तो नहीं लेते जहरीले धुआं में सांस

सागर. अमावनी के ट्रेंचिंग ग्राउंड के आसपास रहने वाले लोगों का दर्द जहरीले धुंआ के कारण झलक उठा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र में स्लम बस्ती है, जो कई सालों से यहां पर रहे हैं। लोगों के पास पैसा होता और दूसरी जगह जाकर रहने का अवसर होता तो अब तक अमावनी छोड़कर चले गए होते। ट्रेंचिंग ग्राउंड से 14 फरवरी से लगातार जहरीला धुंआ कचरा के ढेर से निकल रहा है लेकिन दुर्भाग्य की जिम्मेदार अफसरों को इससे कोई मतलब नहीं है।

सिर्फ औपचारिकता पूरी कर रहे हैं
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब तक रैमकी यहां पर कचरा डालती थी तभी वे आग लगने पर थोड़ा बहुत प्रयास करते थे। अब तो एजेंसी का कोई कोई भी कर्मचारी नजर नहीं आता। निगमकर्मियों कुछ दिनों से रोज एक या दो फायर वाहन लाते हैं और आग बुझाने की औपचारिकता पूरी करके चले जाते हैं। पढ़े-लिखे न होने के कारण स्थानीय लोग इस अव्यवस्था के विरुद्ध आवाज नहीं उठा पा रहे हैं जिसके कारण भी जिम्मेदार लापरवाही करने में लगे हैं।

स्थानीय लोग बोले

– ट्रेचिंग ग्राउंड के पास ही नहीं बल्कि हवा चलने पर मंडी के पास तक धुंआ का धुंध उड़ता हुआ जाता है। कचरा के धुंआ में रहने से स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है, यह सभी लोग जानते हैं लेकिन शायद निगम प्रशासन को यह बात समझ में नहीं आ रही है। – रंजीत ठाकुर, स्थानीय निवासी

– ट्रेंचिंग ग्राउंड के पास पॉलीथिन इक_ा करने वाले लोग रहते हैं, जो गरीब होने के कारण यहां पर रहते हैं। लोगों की यहां रहने की मजबूरी न होती तो कोई भला कचरा के पास रहना क्यों पसंद करता। निगम प्रशासन को इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए और कचरा की आग को जल्द से जल्द बुझाने का प्रयास करना चाहिए। – मंगू बंजारा, स्थानीय निवासी

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