इधर, अंदर बने कुछ कक्ष की सीलिंग से प्लास्टर भी आए दिन उखड़कर गिर रहा है। हैरानी की बात यह है कि इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ना तो इनका रखरखाव करा रहा है और ना ही संबंधित निर्माण एजेंसी को मरम्मत के लिए निर्देशित कर रहा है।
-8 करोड़ की लागत से बना था भवन
इस भवन का निर्माण करीब 8 करोड़ की लागत से हुआ था। जानकारी के मुताबिक 15 जनवरी 2019 को इस भवन का लोकार्पण यूजीसी के चेयरमेन प्रो डीपी सिंह द्वारा किया गया था। हालांकि कुछ दिन बाद से ही अंदर और बाहर की दीवारों पर दरारें नजर आने लगी थी, जिसकी आनन-फानन में मरम्मत कराई गई थी।
-साइंस कोर्स की लगती है कक्षाएं
इस भवन में अभी साइंस कोर्स के बच्चों की कक्षाएं लगती हैं। यह लेक्चर भवन की तरह है। विश्वविद्यालय में होने वाली परीक्षाएं भी इसी कारण भवन में ही कराई जाती है, लेकिन रखरखाव की ना होने से यह भवन जर्जर हो रहा है। बताया जाता है कि यह निर्माण सीपीडब्ल्यूडी द्वारा कराया गया था। मेंटेनेंस अवधि एक साल की थी, जो पूरी हो चुकी है।
यह काम इंजीनियरिंग विभाग का है। यदि भवन की हालत खराब हो रही है, तो मैं दिखवा लेता हूँ।
संतोष सोहगौरा, कुलसचिव