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सुख देंगे तो सुख मिलेगा, दु:ख दोगे तो दु:ख- बीके गीता

locationसागरPublished: Mar 01, 2019 09:26:20 pm

Submitted by:

anuj hazari

श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ पर निकली विशाल शोभायात्रा

If you give happiness then you will get happiness, if you give sorrow

If you give happiness then you will get happiness, if you give sorrow

बीना. चार वेद और छह शास्त्रों का सार है कि यदि अपने कर्मों से किसी को सुख देंगे तो सुख मिलेगा और दु:ख देंगे तो दु:ख मिलेगा। हमारे कर्म ही तय करते हैं कि हम पांडव सेना के हैं या कौरव सेना के। पांडव अर्थात् परमात्मा से प्रीत करने वाले और कौरव अर्थात् काम-क्रोध के वश में कर्म करने वाले, अपने कर्मों को सामने रखकर हम खुद तय कर सकते हैं कि हम किस सेना के हंै। आज से सभी संकल्प लें कि अपने कर्मों को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की तरह अपने आचरण में शामिल करेंगे। जब एक-एक व्यक्ति का चरित्र श्रीराम की तरह बन जाएगा तो इस धरा पर रामराज्य आ जाएगा। यह बात खिमलासा में चल रही श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ पर बीके गीता दीदी ने कही। दोपहर एक बजे नारायणी मंदिर से शोभायात्रा की शुरुआत हुई जो नगर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करते हुए कथास्थल पहुंची, जहां श्रीमद्भागवत गीता का पूजन किया गया इसके बाद प्रवचन शुरू हुए। उन्होंने कहा कि हमारा शरीर क्षेत्र है, जब इसमें लड़ाई करेंगे तो ये युद्धक्षेत्र बन जाता है। इस समय तो पूरी दुनिया ही कुरुक्षेत्र बन गई है। घर-घर में आज दुर्योधन और दुस्साशन हैं। ऐसे समय में परमपिता परमात्मा इस धरा पर अवतरित होकर हम आत्माओं को फिर से गीता ज्ञान दे रहे हैं। जिस दिन अपने अंदर के गलत विचारों, गलत संस्कारों और बुराई को मार देंगे उसी दिन इस धरा पर स्वर्ग आ जाएगा।
म्यूजिकल व्यायाम सिखाया
सुबह 6 बजे से 7.30 बजे तक सभी को म्यूजिकल एक्सरसाइज सिखाई गई। इसमें योग शक्ति गीता दीदी ने सभी को आसान विधियों के द्वारा स्वस्थ रहने की कला सिखाई, साथ ही मेडिटेशन का अभ्यास कराया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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