मौसम वैज्ञानिकों की माने तो 5 जनवरी के बाद एक फिर बारिश के आसार बन रहे हैं। पानी गिरने से मौसम में फिर ठंडक बढ़ जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार जनवरी माह सागर शीतलहर की चपेट में है। विभाग की माने तो जिले का सबसे कम न्यूनतम तापमान वर्ष १९३४ में १.२ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। १३ जनवरी को तापमान सबसे कम पहुंच गया था। वहीं जनवरी में सबसे अधिक अधिकतम तापमान २६ जनवरी २००९ में ३३.३ डिग्री दर्ज किया गया था। विभाग की माने तो पश्चिमी विक्षोप की वजह से अति शीतलहर भी जिले में चली है, जब तापमान ६.५ डिग्री के नीचे आया है। विभाग की माने तो इस वर्ष भी बार-बार पश्चिमी विक्षोप की वजह जिला शीतलहर की चपेट में रहेगा।
५ जनवरी से बदलेगा मौसम मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तर भारत में मौजूद वेदर सिस्टम के असर से मध्य प्रदेश में कुहासा एवं ऊंचाई के स्तर पर बादल बने हुए हैं। इस वजह से रात के तापमान में गिरावट का सिलसिला थम गया है। उधर दिन में धूप निकलने से अधिकतम तापमान बढऩे लगा है। इस तरह की स्थिति चार जनवरी तक बनी रह सकती है। पांच जनवरी से एक बार फिर मौसम के मिजाज में बदलाव आने की संभावना है। इसके तहत गरज-चमक के साथ प्रदेश में अनेक स्थानों पर बौछारें पडऩे का सिलसिला शुरू हो सकता है।
पिछले वर्षों ऐसा रहा न्यूनतम तापमान २१ जनवरी २०१२ - ५.३ ७ जनवरी - २०१३ - ९.८ १२ जनवरी २०१४ - ६.९ १३ जनवरी २०१५ - ५.८ २१ जनवरी २०१६- ७.२
१३ जनवरी २०१७ - ४.८ ३ जनवरी २०१८ - ६.८ २८ जनवरी २०१९ - ४.० ११ जनवरी २०२० - ५.४