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सैंपलों की जांच की जगह लैब में तैनात किए गए छात्रों से प्रभारी धुलवा संक्रमित सैंपल कप

-बीएमसी की सैंट्रेल लैब का मामला, तकनीशियन के काम को समझने के उद्देश्य से इन छात्रों की गई है तैनाती।

सागरFeb 19, 2020 / 10:04 pm

आकाश तिवारी

सैंपलों की जांच की जगह लैब में तैनात किए गए छात्रों से प्रभारी धुलवा संक्रमित सैंपल कप

सैंपलों की जांच की जगह लैब में तैनात किए गए छात्रों से प्रभारी धुलवा संक्रमित सैंपल कप

सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) की बायोकेमिस्ट्री लैब में छात्रों से स्वीपर वाले काम कराए जा रहे हैं। इन छात्रों ने डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टैक्नोलॉजी (डीएमएलटी) की पढ़ाई के लिए बीएमसी में दाखिला लिया है, लेकिन इनसे सैंपल वाले कप धुलावाए जा रहे हैं। यह छात्र संक्रमित भी हो सकते हैं। जानकारों की माने तो सीरम वाले सैंपल की धुलाई के दौरान हेपेटाइटिस, वैक्टीरियल वायरल इंफेक्शन का खतरा रहता है। यह काम स्वीपर और लैब अटेंडेंट का होता है, लेकिन पैरामेडिकल कोर्स शुरू होने के बाद विभागाध्यक्ष और लैब प्रभारी द्वारा छात्रों को इस काम के लिए लगाया गया है।कई छात्रों ने बताया कि उन्हें तकनीशियन का काम सीखने और हेल्प करने के लिए लगाया गया है, लेकिन यहां पर उनसे सैंपल वाले कप धुलवाए जा रहे हैं।
-कोर्स की फीस है ८८ हजार रुपए
डीएमएलटी करने वाले छात्रों की संख्या बीएमसी में ५० है। एक छात्र को यह कोर्स करने के लिए ८८ हजार रुपए की फीस देनी पड़ी है। वायोकेमिस्ट्री लैब में रोटेशन में इनकी ड्यूटी लगाई गई है। हैरानी की बात यह है कि प्रबंधन द्वारा इन्हें सैंपल कप धोने से पहले ग्लब्ज दिए गए हैं। जबकि प्रबंधन जानता है कि यह काम विद्यार्थियों का नहीं है और न ही यह काम करने से उन्हें आगे चलकर कोई लाभ होगा। वहीं, कोर्स पूरा करने के बाद जब यही छात्र लैब तकनीशियन बनेगे तो वे खुद को ठगा महसूस भी करेंगे।
-यह आते हैं सैंपल
इस लैब में लीवर, किडनी, हार्ट व यूरिन की जांच के सैंपल आते हैं। ब्लड के कम्पोनेंट सीरम की भी जांच इसी बायोकेमिस्ट्री लैब में होती है। इन सैंपलों के प्रति लापरवाही बतरने पर शरीर में बैक्ट्रिरीयल इंफेक्शन फैल सकता है। यहां तक की एचआइवी जैसी बीमारी भी हो सकती है। लैब तकनीशियनों की माने तो यह काम छात्रों से कराया जाना गलत है और प्रबंधन को तुरंत इन्हें इस कार्य से हटवाना चाहिए।


सैंपल कप को धोने के लिए कर्मचारी हैं। यदि छात्रों से यह काम कराया जा रहा है तो मैं दिखवाता हूं।
डॉ. एसके पिप्पल, अधीक्षक बीएमसी

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