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जागरुकता के अभाव में यहां बने सिर्फ पांच स्मार्ट कार्ड, रेलवे ​अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

locationसागरPublished: Feb 15, 2019 09:28:09 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

स्टेशन पर लगी हैं एटीवीएम मशीन

In the absence of awareness, only five smart cards made here

In the absence of awareness, only five smart cards made here

बीना. यात्रियों की सुविधाओं के लिए अब हर स्टेशन पर एटीवीएम (ऑटोमेटिक टिकट वेंडिग मशीन) लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिससे यात्रियों को टिकट लेने के लिए कतार में खड़ा न होना पड़े, लेकिन इन मशीनों के प्रति लोग जागरुक नहीं हैं। जिससे यात्री कार्ड नहीं बनवा रहे हैं। बीना स्टेशन पर करीब पांच लोगों ने ही कार्ड बनवाए हैं।
बीना में लगी चार मशीनों में दो मशीनों का उपयोग यात्री स्वयं कर सकते हैं और इसके लिए कार्ड की जरुरत पड़ती है। साथ ही दो मशीनें ठेके पर दी गईहैं। इन दो मशीनों पर ऑपरेटर रहते हैं जो यात्रियों को टिकट उपलब्ध कराते हैं। यदि यात्रियों के पास कार्ड रहेगा तो वह स्वयं ही अपना टिकट ले सकते हैं, लेकिन यात्री इसके प्रति जागरुक नहीं हैं और कार्ड नहीं बनवा रहे हैं। कार्ड बनवाने के लिए रेलवे द्वारा जागरुक भी नहीं किया जा रहा है।
150 रुपए में बनता है कार्ड
मिली जानकारी के अनुसार एटीवीएम मशीन का स्मार्ट कार्डबनवाने के लिए यात्री को कम से कम 150 रुपए देने पड़ते हैं। इसके बाद वह स्वयं मशीन से टिकट ले सकता है। यात्री कार्ड को रीचार्ज भी करा सकते हैं।
रेलवे के रिटायर्डकर्मचारी को मिलती है मशीन
एटीवीएम मशीन रेलवे द्वारा हर किसी को नहीं दी जाती है। इसके लिए रेलवे के कॉमर्सियल विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी ही पात्र होते हैं। मशीन लेने के लिए उन्हें एक आवेदन देना पड़ता है। मशीन लेने वालों में रेलवे द्वारा 3 प्रतिशत कमिशन दिया जाता है। पहले यह कमिशन 5 प्रतिशत था जो घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है।
यात्रियों को होती है सुविधा
मशीन लगे होने से यात्रियों को टिकट लेने में सुविधा होती है और कार्डबनवाने के लिए भी यात्रियों को जागरुक होना चाहिए। अभी तक करीब पांच कार्ड बने हैं। एक दिन में मशीनों से करीब एक लाख रुपए के टिकट बिकते हैं।
रवि रिहानी, मुख्य बुकिंग पार्सल पर्यवेक्षक

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