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बिडंवना : जिस शहर के खिलाड़ी नेशनल टीम के रहे सदस्य, वहां अब फुटबाल के खिलाड़ी तक नहीं

locationसागरPublished: Jun 14, 2018 04:10:22 pm

Submitted by:

Samved Jain

22 साल पहले टिकट खरीदकर देखते थे

बिडंवना : जिस शहर के खिलाड़ी नेशनल टीम के रहे सदस्य, वहां अब फुटबाल के खिलाड़ी तक नहीं

बिडंवना : जिस शहर के खिलाड़ी नेशनल टीम के रहे सदस्य, वहां अब फुटबाल के खिलाड़ी तक नहीं

सागर. किसी जमाने में फुटबॉल मैच के लिए सागर की टीम का देश में नाम था। अब खिलाड़ी नेशनल के लिए भी तरस रहे हैं। ५-६ साल में एक भी नेशनल टूर्नामेंट नहीं हुआ है। खेल मैदानों की दुर्दशा और जिला फुटबॉल एसोसिएशन की निष्क्रियता के चलते इस खेल की स्थिति गिरती जा रही है। दुनिया में फीफा वल्र्डकप के आगाज के बीच पत्रिका ने शहरमें फुटबॉल के लिए संभावनाएं तलाशीं तो यहां दयनीय
स्थिति मिली।


४० प्रतिशत बढ़ा व्यापार
शहर में फुटबॉल का क्रेज बरकरार है। गुरुवार से फीफा वल्र्ड कप शुरू होने के कारण स्पोट्र्स बाजार में ४० प्रतिशत तक उछाल आने की संभावना है। स्पोट्र्स बिजनेसमैन संजय भसीन ने बताया कि स्कूल, कॉलेजों में स्पोट्र्स एक्टिविटी के चलते फुटबॉल का गेम भी बढ़ा है।


हार-जीत के लिए हो जाता था बड़ा झगड़ा
मैच की हार-जीत के बाद कई बार समर्थकों में झगड़ा तक हो जाता था। पूर्व खिलाड़ी विमल देव बताते हैं कि करीब १२ साल पहले एसएएफ ग्राउंड में बटालियन और लालकुर्ती का मैच था। लालकुर्ती दो गोल से जीत रही थी। तभी दोनों टीमों के समर्थकों के बीच जमकर झगड़ा और पत्थरबाजी हुई थी। करीब २२ साल पहले नगर निगम स्टेडियम में पहली बार हुए नेशनल टूर्नामेंट में रुपए लेकर टिकट से दर्शकों को एंट्री दी गई थी।


इंटरनेशनल स्तर के खिलाड़ी निकले
सागर से ही प्यार मोहम्मद जैसे इंटरनेशनल फुटबॉलर निकले हैं। आज यहां के खिलाड़ी नेशनल खेलने को तरस रहे हैं। सागर में रेफरी की बात करें तो करीब तीन रेफरी प्रदेश स्तर के हैं। बावजूद खिलाडि़यों को एेसा कोई मौका नहीं मिल रहा, जिससे वे अपनी प्रतिभा नेशनल स्तर पर दिखा पाएं।


ग्राउंड की हालत बेहद खराब
सदर स्थित कजलीवन मैदान और पुलिस ग्राउंड, एसएएफ ग्राउंड, पुलिस लाइन और विवि में प्रमुख मैदान थे। कजलीवन मैदान में ही सालभर में आधा दर्जन टूर्नामेंट हो जाते थे, लेकिन आज दो-चार टूर्नामेंट हो रहे हैं। कजलीवन मैदान की हालत खराब है। पत्थर निकल आए हैं। यहां पर सालभर स्टेट व नेशनल स्तर की स्पर्धाएं होती थीं।
& जिला फुटबॉल एसोसिएशन की निष्क्रियता के चलते अब सागर में फुटबॉल के नेशनल स्तर के टूर्नामेंट नहीं होते। पहले सालभर टूर्नामेंट हुआ करते थे।


विमल कुमार देव, पूर्व खिलाड़ी


& स्कूलों में स्पोट्र्स एक्टिविटी बढऩे से सामग्री की बिक्री बढ़ी है। बारिश और फीफा वल्र्ड कप के चलते इस बार ४० प्रतिशत तक की ग्रोथ होगी।


संजय भसीन, स्पोट्र्स दुकानदार


& ३० साल से अधिक समय तक फुटबॉल खेला है। कभी कजलीवन मैदान में दर्शकों के लिए जगह नहीं बचती थी, ५-६ साल से एक भी टूर्नामेंट नहीं हुआ।


देविंदर सिंह भाटिया, पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी

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