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अंधेरगर्दी: केंद्रीय जेल की होनी है शिफ्टिंग, इधर डबल स्टोरी बैरक बनाने के लिए पांच करोड़ का टेंडर जारी

– चितौरा में 200 एकड़ में 250 करोड़ की लागत से बनाई जानी है नई केंद्रीय जेल, डीपीआर भी हो चुकी है तैयार सागर. शासकीय पैसों को कैसे पलीता लगाया जाता है और प्रशासन में कैसे अंधेरगर्दी चल रही है, इसका ताजा मामला केंद्रीय जेल सागर से सामने आया है। सागर की केंद्रीय जेल को […]

- चितौरा में 200 एकड़ में 250 करोड़ की लागत से बनाई जानी है नई केंद्रीय जेल, डीपीआर भी हो चुकी है तैयार

सागर. शासकीय पैसों को कैसे पलीता लगाया जाता है और प्रशासन में कैसे अंधेरगर्दी चल रही है, इसका ताजा मामला केंद्रीय जेल सागर से सामने आया है। सागर की केंद्रीय जेल को चितौरा में शिफ्ट किया जाना है। चितौरा में करीब 200 एकड़ जगह में 250 करोड़ की लागत से नई केंद्रीय जेल तैयार होनी है, लेकिन भर्राशाही के चलते पुराने जेल परिसर में 4.80 करोड़ की लागत से 160 कैदियों के लिए डबल स्टोरी बैरक बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। वहीं जिम्मेदारों की माने तो यह पूर्व का प्रस्ताव था, जिसको अभी शासन से मंजूरी मिली है।

बड़ा सवाल: क्या टल गया जेल शिफ्टिंग का प्रस्ताव?

केंद्रीय जेल को शहर से बाहर विस्थापित करने की करीब तीन साल से प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में बीच में पुरानी जेल में ही नए निर्माण कार्यों की मंजूरी से कई सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि नई जेल के निर्माण में 250 करोड़ की राशि खर्च होनी, इसलिए हो सकता है कि शासन ने इस प्रोजेक्ट को टाल दिया हो। हालांकि विभाग के अधिकारी भी इस नए स्वीकृत हुए कार्य को त्रुटिपूर्ण मान रहे हैं।

मुख्य सचिव स्तर पर अटका मामला

केंद्रीय जेल सागर के नए भवन की डीपीआर को मुख्य सचिव के नेतृत्व में आयोजित हुई सधिकार समिति की बैठक में मंजूरी मिल गई थी लेकिन कुछ समय बाद तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस का कार्यकाल पूरा हो गया। अब इस मामले को दोबारा सीएस के समक्ष रखा जाना है।

फैक्ट फाइल- नई प्रस्तावित जेल

- 5000 बंदियों के हिसाब से होना है तैयार

- 200 एकड़ जमीन चितौरा ग्राम में की गई है आवंटित

- 250 करोड़ रुपए की राशि होगी खर्च

- 100 बेड का अस्पताल भी जेल में बनेगा

- 234 विभिन्न श्रेणियों के आवास भी होंगे तैयार

पुरानी जेल

-1843 में बनाई गई थी पुरानी जेल

- 894 कैदी है जेल की क्षमता

- 1800 से ज्यादा कैदी वर्तमान में हैं बंद

जिम्मेदार बोले

- हमारा काम भवन का निर्माण करना है। किस विभाग में क्या बनना है या नहीं, इसकी हमें जानकारी नहीं रहती है। नई केंद्रीय जेल बननी है, इसके बारे में सुना है। - जेएम तिवारी, ईई, पीआइयू, पीडब्ल्यूडी

- केंद्रीय जेल में निरुद्ध कैदियों के लिए चार बैरिक तैयार होने हैं, यह पुराना प्रस्ताव है। कोई नया प्रोजेक्ट आया हो तो उसकी जानकारी नहीं है। - मानेंद्र परिहार, केंद्रीय जेल अधीक्षक, सागर