बेसुध मासूम पर भी नहीं दिखाई दया
सीसी सड़क पर गिरने से मासूम के सिर में अंदरूनी चोट आने से वो वहीं बेसुध हो गया। बच्चे को सड़क पर पड़ा देख लकड़ी की टाल पर मौजूद परिजन दौड़ पड़े लेकिन तब भी मुक्तिधाम में अपनी बहन के दुख में डूबे रज्जू को दया नहीं आई। बच्चे को लेकर परिजन खुरई रोड अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसे भर्ती कर लिया लेकिन शाम तक जब हालत नहीं सुधरी तो डॉक्टर के कहने पर उसे भोपाल ले गए। बेसुध कार्तिक को भोपाल में अस्पताल में शिफ्ट करते समय जैसे ही उतारकर उसका ऑक्सीजन मास्क हटाया गया झटके के बाद उसकी सांस थम गई। मासूम की मौत की खबर जैसे ही सागर में परिजनों को मिली वे भड़क गए और मोतीनगर थाने में जमा हो गए। मासूम की मौत से गुस्साए परिजनों को देख टीआई ताम्रकार ने उन्हें आश्वासन दिया और कुछ ही देर बाद शास्त्री वार्ड निवासी रज्जू उर्फ रजनीश को उसके घर से हिरासत में ले लिया। हंगामे के बाद पुलिस ने आरोपी को दबोचा, थाने पहुंचे परिजनों को समझा-बुझाकर वापस भेजा
रज्जू को हिरासत में लेने के बाद उसके परिवार के लोग भी मोतीनगर थाने पहुंच गए। वे बहन की मौत के दुख में डूबे होने की सफाई देते हुए काफी कोशिश की लेकिन पुलिस ने मामला हत्या का होने से उन्हें समझा-बुझाकर थाने से रवाना कर दिया। परिजनों को समझाने के लिए पुलिस को भी काफी मशक्कत करना पड़ी।
पुलिस ने रविवार सुबह शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपकर दिया। सड़क पर उठाकर फेंके जाने से हुई दर्दनाक मौत से आक्रोशित परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार के दौरान हंगामा करने की आशंका के चलते थाने पर पुलिस बल तैयार कर दिया गया लेकिन दुखी परिजन शव को लेकर घर पहुंच और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी रज्जू उर्फ रजनीश को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया।