बाकी 30 निर्दलीयों में से कोई भी एक प्रतिशत वोट तक नहीं पहुंच सका। इनमें से छह महिलाओं ने भी किस्मत आजमाई थी। इसी वर्ष खजुराहो सीट से रेकॉर्ड 45 लोगों ने चुनाव लड़ा था। इनमें 37 निर्दलीय थे। दमोह लोकसभा की बात करें तो कुल 33 में से 29 निर्दलीय मैदान में थे। इस सीट पर 1962 से 2014 तक के बीच हुए चुनाव में से सिर्फ 1977 में कोई निर्दलीय नहीं था।
सागर सीट पर 2014 के चुनाव की बात करें तो जितने वोट सभी निर्दलीय मिलाकर हासिल नहीं कर पाए, उससे ज्यादा नोटा को मिल गए थे। नोटा को 9504 तो 4 निर्दलीयों को सिर्फ 9064 वोट मिले थे। इस चुनाव में कुल मान्य वोट 8,82,425 थे। इसमें से 4,82,580 हजार वोट लक्ष्मीनारायण यादव ने हासिल किए थे। चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी बहुजन समाज पार्टी को भी सिर्फ 2.26 प्रतिशत वोट मिल पाए थे।
सागर सीट से निर्दलीय प्रत्याशियों को मिले वोट की स्थिति
वर्ष निर्दलीय कुल प्रत्याशी निदलीय को वोट
2014 – 04 – 10- 9064
2009 – 03 – 12 – 15568
2004 – 01 – 06 -7592
1999 – 03 – 09 -1770
1998 – 01 – 08 -1065
1996 – 30 – 34 – 39224
1991 – 06 – 12 – 8854
1989 – 01 – 05 -2935
1984 – 02 – 04 -12711
1980 – 01 – 04 – 2429
1977 – 00 – 03 – —
1971 – 02 – 04 -18576
1967 – 00 – 04 – —
1962 – 00 – 04 – —
1957 – 00 – 05 – —
1951 – 01 – 05 – 10459
इन्हें एक प्रतिशत से ज्यादा वोट
सागर लोकसभा के अब तक के चुनाव में सिर्फ पांच निर्दलीय ही एक प्रतिशत वोट का आंकड़ा पार सके। इनमें सबसे ज्यादा 6.65 प्रतिशत 10459 वोट 1996 में राजाराम दुर्गाप्रसाद को मिले थे। 1971 में खेमचंद मुंशी को 4.73 प्रतिशत यानी 12064 वोट, 1984 में सुंदरा को 1.67 प्रतिशत 6372 वोट 2004 में पूरन को 1.58 प्रतिशत 7592 वोट और 2009 में रामकिशन रामा को 1.93 प्रतिशत 11017 वोट मिले थे।