निगम अफसरों की है मिलीभगत
बताया जा रहा है कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में शासकीय जमीन पर अतिक्रमण व अवैध कब्जा के मामले में निगम के नेताओं व अफसरों की भूमिका बेहद ही संवेदनशील रही है। हाल ही में ऐसे दो बड़े मामले सामने आ चुके हैं जिसमें निगम के नेताओं ने करोड़ों रुपए कीमत की जमीन कोडिय़ों के दाम अपने नाम पर करा ली।
सब कुछ तय है फिर भी लापरवाही
कलेक्टर कोर्ट ने सभी प्रकार के जमीने सर्वे के बाद अपना आदेश सुनाया है। याचिकाकर्ता विनयकांत सुहाने का आरोप है कि जमीनी स्तर पर सर्वे, नजरी नक्शा, सौ साल पुराने दस्तावेजों के आधार पर कलेक्टर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कलेक्टर कोर्ट ने मप्र होई कोर्ट के निर्देश पर पूरे मामले की जांच की है इसके बाद भी यदि कार्रवाई करने में देरी की जाती है तो इसके लिए जिला और नगर निगम प्रशासन के अफसर जिम्मेदार रहेंगे।