जन्माष्टमी पर बन रहा है शुभ योग
पंडित शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार अगर भाद्रपद महीने की अष्टमी की रात रोहिणी नक्षत्र हो वह तिथि जन्माष्टमी अर्थात कृष्ण प्रकटोत्सव घड़ी कहलाती है। इस बार ये शुभ संयोग बन रहा है। 23 अगस्त शुक्रवार की रात अष्टमी तिथि रहेगी और रोहिणी नक्षत्र भी लग चुका होगा। अत: 23 को ही जन्माष्टमी मानना शास्त्र सम्मत है। तिथि नक्षत्र के अलावा ध्रुव और छत्र योग भी साथ रहेंगे।
जन्माष्टमी का तिथि नक्षत्र संयोग
अष्टमी तिथि प्रारंभ – 23 अगस्त को सूर्योदय काल से।
अष्टमी तिथि समाप्त – 24 अगस्त को देर रात्रि 2 बजकर 53मिनट तक।
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ- 24 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 48 मिनट से।
रोहिणी नक्षत्र समाप्त – 25 अगस्त को रात्रि 12 बजे