शहर में पिछले 3 से 4 वर्षों में इसे खाने वाले लोगों की संख्या ज्यादा बड़ गई है। रेस्टोरेंट और होट्लस में 60 फीसदी लोग जंक फूड का ऑडर्र करते हैं और 40 फीसदी ही इंडियन फूड ले रहे हैं। शहर में सिविलि लाइन, कटरा, मकरोनिया और बड़ा बाजार इलाके में लगभग ३०० दुकानों पर जंक फूड मिल रहा है। पहले इनकी संख्या 25 से 30 थी।
टीफिन में न रखें जंक-फूड जंकफूड के लिए बच्चे यादा पसंद कर रहे हैं। टिफिन में उन्हें तरह-तरह की चीजें चाहिए, जिनमें जंकफूड ही शामिल होता है। यह फूड बच्चों की सेहत बिगाड़ रहा है। कई स्कूलों में टिफिन का मैन्यू निर्धारित किया गया है लेकिन बच्चो इससे परहेज नहीं कर रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष जैन का कहना है ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी ज्यादा बड़ जाती है कि वे बच्चों को हेल्दी खाना दें। उसका आकार प्रकार भले ही जंकफूड जैसा हो, लेकिन उसके पौष्टिकता हो। अतिरिक्त मात्रा में जंक फूड खाने से न सिर्फ आपको बीमारियां होती हैं, बल्कि मोटापा आपके सुंदर शरीर की काया को ही बदल देती हैं।
ये हैं नुकसान मोटापा- जंकफूड वसायुक्त होता है। अतिरिक्त वसा से लोग मोटापा और ओबेसिटी के शिकार होते हैं। जंकफुड खाने से मोटाफा अधिक बड़ रहा है।
थकान- जंक फूड भूख मिटाते हैं, लेकिन इसमें जरूरी प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड नहीं होता है। जिसके कारण आपको थकान महसूस होती है।
थकान- जंक फूड भूख मिटाते हैं, लेकिन इसमें जरूरी प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड नहीं होता है। जिसके कारण आपको थकान महसूस होती है।
डिप्रेशन- यूथ में भी जंकफूड का बहुत चलन है। इससे शरीर का हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है। इस वजह से स्वभाव और मन के भाव भी बदलाव आता है।
एसीडिटी- जंक फूड का अधिक सेवन करने से पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है और पेट की गड़बड़ी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन जाती है।
एसीडिटी- जंक फूड का अधिक सेवन करने से पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है और पेट की गड़बड़ी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन जाती है।
सीबीएसई बोर्ड के ये हैं स्कूलों के लिए निर्देश – डीमेड या जंकफूड लाने पर पूरी तरह से पाबंदी हो। – ऑयली व अधिक तला हुआ खाना लंच बॉक्स में नहीं हो।
– लंच में ग्रीन वेजिटेबल और नेचुरल चीजें अधिक हों।
– लंच में ग्रीन वेजिटेबल और नेचुरल चीजें अधिक हों।
– लंच बॉक्स की चेकिंग हर दिन क्लास टीचर्स को करनी है।
– अगर कोई स्टूडेंट लंच में जंक फूड लाए, तो उसे स्कूल की ओर लंच प्रोवाइड करवा कर उसके लंच को वापस घर भेजना है।
– अगर कोई स्टूडेंट लंच में जंक फूड लाए, तो उसे स्कूल की ओर लंच प्रोवाइड करवा कर उसके लंच को वापस घर भेजना है।
– लंच आवर में टीचर्स के साथ खुद प्रिंसिपल स्टूडेंट्स पर निगाह रखें।
– लंच आवर में घर के खाने पर अधिक फोकस हो। स्कूल की कैंटीन या स्कूल के बाहर की चीजों पर बच्चे डिपेंडेंट न हों।
– लंच आवर में घर के खाने पर अधिक फोकस हो। स्कूल की कैंटीन या स्कूल के बाहर की चीजों पर बच्चे डिपेंडेंट न हों।
– पीने का पानी स्कूल की ओर से ही प्रोवाइड करवाना चाहिए।