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करवा चौथ आज, रोहिणी नक्षत्र में रात्रि 8 बजकर 13 मिनिट पर होगा चंद्रोदय

locationसागरPublished: Oct 16, 2019 07:02:10 pm

व्रत रखने के लिए महिलाओं ने की तैयारी, बाजार में रही भीड़
 

सागर. करवा चौथ के इंतजार में बुधवार को हाथों में पिया के नाम की मेहंदी सजी, तो कहीं खुद को चांद जैसा दिखने के लिए पार्लर में तैयारी हुई। बाजार में भी खरीददारी का दौर चला। बाजार में डिजाइनर साड़ी, चुड़ी, ज्वेलरी और करवा खरीदने के लिए भीड़ रही। करवा चौथ मनाने की महिलाओं ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। गुरुवार को करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सभी व्रतों में बेहद खास है। इस दिन महिलाएं दिन भर र्निजला उपवास रहकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है।

पंडित शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि करवाचौथ पर 17 अक्टूबर को शाम 8.13 बजे चंद्र दर्शन होंगे। हालांकि, चतुर्थी गुरुवार सुबह 6.49 बजे से शुक्रवार ७.28 बजे तक रहेगी। यानि चतुर्थी तिथि गुरुवार को पूरे दिन रहेगी। जिसमें पूजन का सबसे अधिक शुभ मुहूर्त 5.50 से 7.06 तक का है। वहीं चंद्रमा को 27 नक्षत्रों में रोहिणी नक्षत्र सबसे अधिक प्रिय है, जिसमें करवाचौथ का पूजन किया जाएगा। इस बार चंद्रमा की पूजा करने से पति-पत्नी में प्रेम की वृद्धि करने वाला योग भी बन रहा है।

इस तरह करें पूजन

लकड़ी के पट्टे पर लाल कपड़ा बिछाएं। मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा को लाल चुन्नी उड़ाने के साथ श्रंगार करें। घी का दीपक जलाएं। करवे और लोटा का सात बार स्थान परिवर्तन करें। चंद्रोदय होने पर छलनी से देखने के बाद चंद्रमा की पूजा करें। इसके बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलें। घर के बुजुर्गों से आशीर्वाद लें।

यह है व्रत की सामग्री
मिट्टी या पीतल का करवा, जल से भरा लोटा, करवा के ढक्कन में रखने के लिए गेहूं, दीपक, हल्दी, पुष्पमाला, चंदन, फल, मिठाई, गंगाजल, चावल, सुहाग पिटारी, प्रसाद के लिए हलवा-पूड़ी-मिठाई, दक्षिणा के लिए रुपए।

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