लेकिन लोगों में जागरुकता की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है। लोग घरों में रखे कंटनेरों में भरे पानी को साफ नहीं कर रहे हैं। न ही बर्तनों को ढक कर रख रहे हैं। इन सभी वार्डों में नालियों में कचरा फैके जाने और नियमित सफाई न होने की बात सामने आई है। इधर, इन वार्डों में फॉगिंग का काम भी नगर निगम द्वारा अब तक नहीं कराया गया है। लोगों ने मच्छरों की संख्या लगातार बढऩे से बच्चों और बड़ों के बीमार होने की परेशानी दल को बताई। वहीं, दल ने मलेरिया अधिकारी को इस जानकारी से अवगत कराया है।
-जांच के लिए नहीं भेजे गए १५ सैंपल
इधर, शहर के चेतन्य और भाग्योदय से रैपिड कार्ड डेंगू के मरीजों की पुष्टी होने के बाद इन मरीजों के ब्लड सैंपल जांच के लिए जिला अस्पताल नहीं भेजे गए हैं। मलेरिया अधिकारी साजिया तब्बसुम ने बताया कि उन्होंने जिला अस्पताल से इन सैंपलों की रिपोर्ट मांगी थी, जहां पता चला कि एक भी सैंपल जांच के लिए नहीं आए हैं। बताया जाता है कि प्रायवेट अस्पताल में रैपिड से रिपोर्ट पॉजीटिव पाए जाने पर डेंगू का उपचार शुरू कर दिया जाता है। वहीं कई मरीज रैपिड कार्ड से डेंगू होने की पुष्टी होने के बाद अस्पताल से छुट्टी कराकर कहीं और उपचार कराने चले जाते हैं।