scriptकवराचौथ के पूजन के बाद छत पर उलटा रखें करवा, नहीं तो पनपेंगे डेंगू के लार्वा | Keep the roof inverted after worshiping Kavachauth, otherwise the deng | Patrika News

कवराचौथ के पूजन के बाद छत पर उलटा रखें करवा, नहीं तो पनपेंगे डेंगू के लार्वा

locationसागरPublished: Oct 16, 2019 10:27:23 pm

-मलेरिया विभाग ने पूजन के बाद यहां-वहां करवा फैकने से जताई डेंगू के लार्वा पनपने की आशंका, लोगों को पम्प्लेट बांटकर किया जागरुक।
 

कवराचौथ के पूजन के बाद छत पर उलटा रखें करवा, नहीं तो पनपेंगे डेंगू के लार्वा

कवराचौथ के पूजन के बाद छत पर उलटा रखें करवा, नहीं तो पनपेंगे डेंगू के लार्वा

सागर. मलेरिया विभाग ने बुधवार को शहर के कृष्णगंज, तिलकगंज और विठ्ठलगनगर वार्डों में डेंगू के लार्वा का सर्वे किया। गुरुवार को करवाचौथ है। इसको लेकर दल ने लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि पूजन के बाद करवे को यहां-वहां न फैंके। इसमें पानी भरने से डेंगू के लार्वा पन सकते हैं। इससे डेंगू की बीमारी भी फैल सकती है। दल ने सभी महिलाओं से अपील की और कहा कि पूजन के बाद करवे को छत पर उलटा रखें ताकि उसमें पानी न भर पाए। इधर, सर्वे टीम को २८५ घरों में डेंगू के लार्वा मिले हैं। घरों में ३७३ कंटेनरों में डेंगू के लार्वा पाए जाने पर १९८ कंटेनरों को खाली कराया गया है। बाकी बचे कंटेनरों में दवाओं का छिड़काव हुआ है। तिलकगंज वार्ड बड़ा होने से यहां पर १९ टीमों से सर्वे का काम लिया गया। अभी तक करीब ३० वार्डों में सर्वे दल निरीक्षण के लिए पहुंच चुकी है, जहां हर वार्ड में दल को डेंगू के लार्वा मिले हैं।
लेकिन लोगों में जागरुकता की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है। लोग घरों में रखे कंटनेरों में भरे पानी को साफ नहीं कर रहे हैं। न ही बर्तनों को ढक कर रख रहे हैं। इन सभी वार्डों में नालियों में कचरा फैके जाने और नियमित सफाई न होने की बात सामने आई है। इधर, इन वार्डों में फॉगिंग का काम भी नगर निगम द्वारा अब तक नहीं कराया गया है। लोगों ने मच्छरों की संख्या लगातार बढऩे से बच्चों और बड़ों के बीमार होने की परेशानी दल को बताई। वहीं, दल ने मलेरिया अधिकारी को इस जानकारी से अवगत कराया है।
-जांच के लिए नहीं भेजे गए १५ सैंपल
इधर, शहर के चेतन्य और भाग्योदय से रैपिड कार्ड डेंगू के मरीजों की पुष्टी होने के बाद इन मरीजों के ब्लड सैंपल जांच के लिए जिला अस्पताल नहीं भेजे गए हैं। मलेरिया अधिकारी साजिया तब्बसुम ने बताया कि उन्होंने जिला अस्पताल से इन सैंपलों की रिपोर्ट मांगी थी, जहां पता चला कि एक भी सैंपल जांच के लिए नहीं आए हैं। बताया जाता है कि प्रायवेट अस्पताल में रैपिड से रिपोर्ट पॉजीटिव पाए जाने पर डेंगू का उपचार शुरू कर दिया जाता है। वहीं कई मरीज रैपिड कार्ड से डेंगू होने की पुष्टी होने के बाद अस्पताल से छुट्टी कराकर कहीं और उपचार कराने चले जाते हैं।
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