कैसा रहा किन्नर कमला बुआ के जीवन का सफर
किन्नर कमला बुआ के जीवन के सफर की चर्चा करें, उससे पहले बता दें कि किन्नर कमला बुआ काफी वक्त से बीमारी से ग्रसित थी। किन्नर कमला बुआ का उपचार चल रहा था। इसी बीच गुरुवार 14 नवंबर 2019 को किन्नर कमला बुआ का निधन हो गया। किन्नर कमला बुआ के निधन की खबर पूरे सागर शहर में फैल गई और सभी दु:ख व्यक्त करते नजर आए। शहर के लोग किन्नर कमला बुआ के बारे में चर्चा करते नजर आए। बता दें कि सागर किन्नर समाज में किन्नर कमला बुआ के महान नाम है। किन्नर समाज को उनके अधिकार दिलाने से लेकर राजनीति तक में किन्नर कमला बुआ का विशेष योगदान रहा है। वैसे तो हर एक शख्स किन्नर कमला बुआ से परिचित था, लेकिन 2009 में उस वक्त एकाएक किन्नर कमला बुआ का नाम देश भर में सुर्खियों में आ गया, जब किन्नर कमला बुआ ने सागर महापौर पद के लिए नामांकन दाखिल किया।
किन्नर कमला बुआ ने महापौर बन सागर नगर निगम को देश भर में दिलाई पहचान
नगरीय निकाय चुनाव 2009 में सागर की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब किन्नर कमला बुआ ने महापौर पद के लिए निर्दलीय नामांकन जमा कर दिया। इतना ही नहीं सागर शहर के लोगों ने भी किन्नर कमला बुआ को हाथों-हाथ लेकर राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याािशयों के होश उड़ा दिए थे। नतीजा भी देश की सुर्खियों बाला ही रहा। २००९ में सागर के इतिहास में पहली बार कोई किन्नर यानि किन्नर कमला बुआ सागर नगर निगम की महापौर निर्वाचित हुईं। किन्नर कमला बुआ के निर्वाचन के बाद देश भर में वह सुर्खियों में रही। किन्नर कमला बुआ ने सागर नगर निगम को देश भर में अलग पहचान दिलाई। महापौर रहते समय किन्नर कमला बुआ ने सागर में कुछ अनोखे काम भी कराए, जिसे भी जनता आज भी याद करती है। हालांकि, राजनीतिक पार्टियों को यह रास नहीं आ रहा था और 2011 में ही किन्नर कमला बुआ का निर्वाचन न्यायालय से शून्य कर दिया गया था। इसके बाद भी लोगों के दिलों में किन्नर कमला बुआ की जगह बनी रही।महापौर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को दी थी करारी मामला
2009 चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी किन्नर कमला बुआ ने अपनी निकटतम प्रत्याशी भाजपा की सुमन अहिरवार को रेकॉर्ड 43433 वोट से हराकर जीत का परचम लहराया था। कांग्रेस समेत बाकी चार प्रत्याशियों की जमानतें भी जब्त हो गई थी। कमला बुआ को कुल 64683 वोट मिले थे।