23 मार्च को हटाया था अतिक्रमण
मकरोनिया चौराहे से लगी जमीन शासकीय भूमि पर सालों से कब्जा कर संचालित हो रहे मीट मार्केट को नपा ने पुलिस व प्रशासन के सहयोग से 23 मार्च को खाली कराया था। इस दौरान स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने विरोध भी किया, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के सामने उनकी एक न चली और मिनिटों में अतिक्रमण को जमीदोज कर दिया था। इसके बाद नपा ने क्षेत्र में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए बस स्टैंड की प्लानिंग की थी और हटाए गए व्यापारियों को नई जगह जमीन चिन्हित कर विस्थापित करने का बोला था, लेकिन अब नपा एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है।
जमीन सुरक्षित करने की दी थी सलाह
अतिक्रमण के खिलाफ दमखम के साथ कार्रवाई करने वाले तत्कालीन तहसीलदार मानवेंद्र सिंह ने नगर पालिका प्रबंधन को जमीन सुरक्षित करने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि बार-बार की परेशानी से बचने की जगह यह ठीक होगा कि जमीन का माप कराके उसके चारों ओर फेसिंग कर दी जाए, जिससे जमीन पर दोबारा अतिक्रमण नहीं हो सकेगा। नपा प्रबंधन ने इस बात को स्वीकार तो लिया, लेकिन उस पर अमल अब तक नहीं कर सके हैं।
नपा जागे तो सुधरेगी व्यवस्था
वर्तमान में बढ़ते यातायात के दबाव का असर सबसे ज्यादा मकरोनिया चौराहे और उसके आसपास है। इसके बाद यहां पर बस स्टॉप न होने के कारण यात्रियों के लिए बसें सड़क पर ही खड़ी होती है। इस व्यवस्था को सुधारने के लिए सबसे अच्छा तरीका मीट मार्केट की जगह पर बस स्टॉप बनाने का है, लेकिन यह तभी संभव है जब नपा के जिम्मेदार इस सुधार को लेकर आगे आएं।