सागरPublished: Jun 23, 2019 09:13:07 pm
anuj hazari
16 हजार पौधे देखरेख के अभाव में सूख गए
Last year, the green festivals were planted at the cost of millions of rupees
बीना. पिछले वर्ष हरियाली महोत्सव के अवसर पर प्रदेशभर में पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे रोपे गए थे, जिसके तहत बीना ब्लॉक की भी सभी पंचायतों में लाखों रुपए खर्च करके पौधे लगाए गए थे, जिनमें से जीवित पौधा ढूंढने से भी नहीं मिल रहे हंै। पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए सरकार की मंशा थी कि हर पंचायत में पौधे लगाए जाएं और उनकी देखभाल की जाए, लेकिन ऐसा नही हो सका। क्योंकि ब्लॉक में लगाए गए करीब 16 हजार पौधे देखरेख के अभाव में सूख गए हैं। अब तो लोगों को यह भी जानकारी नहीं लग पा रही है कि आखिर पौधे रोपे कहां गए थे।
मनरेगा से लगाए गए थे पौधे
हरियाली महोत्सव में पौधे मनरेगा योजना के तहत लगाए गए थे, जिन्हें लगाने के लिए मजदूरों को इसका भुगतान भी किया गया था। पौधे लगाने में हर पौधे पर करीब 25 रुपए खर्च किया गया था, जिमसें गड्ढा करने से पौधा खरीदने तक का खर्च शामिल था, लेकिन पौधा लगाने में खर्च किए गए लाखों रुपए बर्बाद चले गए। क्योंकि न तो पौधे जीवित हैं, न ही इसका फायदा पर्यावरण संरक्षण के लिए मिल सका है।
पौध रक्षक भी नहीं बचा सके पौधे
पौधों की देखभाल करने के लिए हर पंचायत में इसके लिए पौध रक्षक भी नियुक्त किए गए थे। जिनके लिए सरकार की ओर से कुछ मानदेय देना भी तय किया गया था, लेकिन काम करने के बाद जब उन्हें मानदेय नहीं मिला तो उन्होंने भी पौधों की देखभाल नहीं की और वह सूख गए।