केंद्रीय विवि के विधि छात्रों को सिर्फ मिल रहा किताबी ज्ञान, दो साल से शोपीज बना मूट कोर्ट
-2 करोड़ से अधिक की लागत से तैयार इस कोर्ट के भवन का विवि प्रशासन अब तक नही करा सका उद्घाटन।

सागर. डॉ. हरिसिह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय का मूट कोर्ट ( कृत्रिम कोर्ट) दो साल से शोपीज बना हुआ है। हैरानी की बात यह है कि भवन का अभी तक उद्घाटन नही हुआ है। इस वजह से इसमे विद्यार्थियों को प्रैक्टिस करने नही दी जा रही। वही विवि प्रशासन कोरोना के कारण उद्घाटन न कराने की बेबसी बता रहे है। कोरोना आने के एक साल बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन जिम्मेदारों की बेरुखी के चलते विद्यार्थी किताबी ज्ञान तक सिमटे हुए हैं। वही अभी भी इसको शुरू करने की कोई तैयारी नही दिख रही है।
-2 करोड़ 14 लाख रुपए से बनी है बिल्डिंग
यह भवन न्यायालय की तरह बनाया गया है, जिसमें विधि के छात्र-छात्राएं न्यायालय की कार्यवाही से परिचित होने के साथ ही न्यायालयीन प्रक्रिया में पारंगत होते हैं। विवि के विधि विभाग के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए लगभग 2 करोड़ 14 लाख की कीमत से मूट कोर्ट का निर्माण किया गया था। कई महीनों से तैयार इस भवन का उद्घाटन अभी नहीं हो सका है।
-बिल्डिंग की हो चुकी है मरम्मत
बता दे कि पिछले साल ही नए भवन में दरारें आ गईं थी और इसकी मरम्मत कराई गई थी। उस समय अधिकारियों का कहना था कि नई बिल्डिंग में मरम्मत की जरूरत फ्लाई ऐश ब्रिक्स के कारण आई थी। इस कारण लाल ईंटों का प्रयोग कर सुधार कार्य कराया गया था।
-500 से ज्यादा है वकालत करने वाले छात्र
विश्वविद्यालय की विधि विभाग में एलएलबी 3 ईयर, एलएलबी ऑनर्स और एमलिव के छात्र हर साल दाखिला लेते हैं। 500 से ज्यादा सीटें है, जो हर साल शत-प्रतिशत भर जाती है। 2009 के बाद मूट कोर्ट भवन बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। वर्ष 2019 में यह भवन बनकर तैयार हुआ था, लेकिन अभी तक छात्रों को इसका प्रैक्टिकल ज्ञान नहीं दिया गया है।
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