-फिर करना पड़ेगा इंतजार
कार्यपरिषद में सहायक प्राध्यपकों के मामले में निर्णय न होने से फिर से यह मामला टल गया है। पुनर्विचार वाला यह पत्र एमएचआरडी को भेजा जा चुका है, लेकिन यहां से राष्ट्रपति कार्यालय कब भेजा जाएगा। इसका समय निर्धारित नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति कार्यालय से पुनर्विचार होने और रिपोर्ट आने में भी वक्त लगेगा।
-यह था मामला
बता दें कि विवि में वर्ष २०१० में विवि प्रशासन ने सहायक प्राध्यापकों की तैनाती के लिए विज्ञापन जारी किया था। वर्ष २०१३ में ८२ पद के विरुद्ध १५७ सहायक प्राध्यापकों की तैनाती विवि प्रशासन ने कर ली थी। इस पर हंगामा होने और लगातार शिकायतों के बाद सरकार ने भर्ती प्रक्रिया की जांच कराई थी। मामला हाईकोर्ट में चला, जहां कोर्ट ने सभी नियुक्तियों को दूषित मानते हुए विवि को भर्तियां निरस्त करने के आदेश दिए थे। इसके बाद कुलपति प्रो. आरपी तिवारी ने राष्ट्रपति से अभिमत मांगा था। राष्ट्रपति ने पैनल गठित कर इस मामले की जांच कराई थी। यही जांच रिपोर्ट ईसी में रखी गई, जिस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।