बिजली कंपनी के शहर संभाग में ६४७ ट्रांसफार्मर लगे हैं। इन सभी ट्रांसफार्मर पर डीटीआर मीटर लगे हुए हैं। इन मीटर्स के माध्यम से उस ट्रांसफार्मर से जुड़े कुल उपभोक्ताओं को सप्लाई की गई बिजली की रीडिंग की जाती है। जिससे इस बात का आसानी से अंदाजा लगाया जा सके कि किस ट्रांसफार्मर पर कितना लाइन लॉस हो रहा है। हालांकि कुछ तकनीकि खामी के कारण लाइन लॉस होता है तो अधिकांश बिजली चोरी के कारण लॉस होता है।
बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार शहर के ६४७ डीटीआर मीटर्स में से अब तक ३५० के करीब मीटर्स की मैपिंग पूर्ण कर ली गई है। शेष बचे करीब तीन सौ डीटीआर मीटर्स की मैपिंग करने के लिए एसई त्रिपाठी ने ५ दिसंबर तक का समय निश्चित किया है।