सागरPublished: Dec 29, 2018 09:31:32 pm
sachendra tiwari
गणवेश की क्वालिटी में भी नहीं रखा ध्यान
Local bicycle sent to distribute in school
बीना. इस वर्ष स्कूलों में वितरित होने वाली गणवेश बनाने का कार्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्व-सहायता समूहों को दिया गया था। जिसका उद्देश्य गरीबों को स्व-रोजगार देना था, लेकिन यह उद्देश्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। गणवेश निर्माण में बड़ी गड़बड़ी की आशंका जताईजा रही है। इस संबंध में 21 दिसंबर को पत्रिका ने खबर भी प्रकाशित की थी।
खबर प्रकाशित होने के बाद शनिवार को पूर्व जनपद अध्यक्ष इंदर सिंह और जनपद पंचायत सीईओ सुरेन्द्र साहू बीआरसीसी कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने गणवेश की क्वालिटी देखी। पूर्वजनपद अध्यक्ष ने बताया कि गणवेश की क्वालिटी ठीक नहीं हैऔर यह गणवेश एक दो बार धुलने के बाद खराब हो जाएगी। कपड़े का वजन भी बहुत कम है। उन्होंने इसमें बड़ी गड़बड़ी की आशंका जताईहै। सीईओ ने भी माना कि गणवेश की क्वालिटी ठीक नहीं हैऔर उन्होंने इस संबध में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को पत्र लिखकर जवाब मांगा है।
बाजार से खरीदी गई है गणवेश
विद्यार्थियों को वितरित होने वाली दो गणवेशों की कीमत 600 रुपए रखी गई है और इनकी सिलाई समूहों से कराईजानी थी, लेकिन बाजार से गणवेश खरीदकर विद्यार्थियों को वितरित कर दी गईहै। दो गणवेशों की कीमत करीब 200 रुपए बताई जा रही है।
सीधे स्कूल ले जा रहे गणवेश
बीआरसीसी पीएस राय ने बताया कि यह गणवेश सीधे स्कूलों में भेजी जा रही है। स्कूल में गणवेश पहुंचने के बाद पता चल रहा है। जबकि संबंधित अधिकारियों की निगरानी में यह गणवेश वितरित की जानी थी, जिससे क्वालिटी का पता चल जाता है। अभी कुछ स्कूलों में ही गणवेश पहुंच पाईहै।
साइकिलें भी आईघटिया क्वालिटी की
गणवेश देखने के बाद स्कूलों में वितरित होने के लिए आईसाइकिलों का मटेरियल भी देखा जो घटिया किस्म का होने की बात सामने आई। पूर्व जनपद अध्यक्ष से साइकिल का रिंग हाथ से ही टेड़ा कर दिया। साथ ही साइकिल के ट्यूब, टायर की क्वालिटी भी ठीक नहीं है। साइकिलों के मटेरियल की क्वालिटी इतनी खराब है कि एक साल भी ठीक से नहीं चलेंगी। पूर्वजनपद अध्यक्ष ने बताया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह ठेका हुआ हैऔर शिक्षा सत्र जब खत्म होने को है तब साइकिलें वितरित की जा रही हैं। निरीक्षण के दौरान सीईओ भी मौजूद थे।