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चुनावी मुद्दा बनता है रोजगार दिलाना, आठ साल बाद भी हो रही स्थानियों की उपेक्षा

locationसागरPublished: Apr 26, 2019 09:05:48 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

उद्योगों में नहीं मिल रहा रोजगार

Locals do not get jobs in industries

Locals do not get jobs in industries

बीना. मई 2011 में रिफाइनरी का शुभारंभ हुआ था और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद बढ़ी थी, लेकिन आठ वर्ष बीतने को हैं और यह उम्मीद आज भी बनी हुई है। युवाओं को रोजगार दिलाने का मुद्दा तो हर चुनाव में बनता है, लेकिन चुनाव के बाद इसकी याद फिर अगले चुनावों में आती है। रोजगार के लिए युवाओं ने कईबार प्रदर्शन भी किए, लेकिन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली।
रिफाइनरी का जब शुभारंभ हुआ था तब कुछ नेताओं ने मंच से चिंता भी व्यक्त की थी कि कहीं बीना के लोगों के हिस्से में सिर्फ चिमनी के लपटे न आएं। उस समय जो चिंता व्यक्त की थी वह आज सही साबित हो रही है। स्थानीय पढ़े, लिखे नौजवान नौकरी के लिए भटक रहे हैं और बाहर के लोग यहां आकर नौकरी कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए प्राथमिकता
स्थानीय युवा रिफाइनरी में रोजगार मिले इसकी तैयारी तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है। जबकि बाहर के लोग यहां आकर नौकरी कर रहे हैं। रिफाइनरी बने आठ होने को हैं, लेकिन इसका लाभ स्थानीय बेरोजगारों को नहीं मिला है।
अभिषेक दीक्षित, युवा
मिलता है सिर्फ आश्वासन
हर बार जब चुनाव आते हैं तो हर पार्टी द्वारा युवाओं, स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने का वादा किया जाता है, लेकिन इन वादों को पूरा नहीं किया गया है। आज भी युवा रोजगार पाने का सपना देख रहे हैं। क्षेत्र में रिफाइनरी सहित अन्य उद्योग भी हैं यहां भी रोजगार नहीं मिल रहा है।
हेमंत अहिरवार, युवा
मिलना चाहिए स्थाई नौकरी
रिफाइनरी में यदि स्थानीय लोगों को नौकरी दी भी जाती है तो वहां काम कर रही कंपनियों में मिलती है और जब कंपनी का काम पूरा हो जाता हैतो नौकरी से बाहर कर देते हैं। स्थानीय होने के बाद भी उसकी जगह आने वाली दूसरी कंपनियों में नौकरी नहीं दी जाती है। इस ओर भी जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए।
अक्षय श्रीवास्तव, युवा
आज भी उम्मीद लगाए हुए हैं युवा
रिफाइनरी जैसा बढ़ा उद्योग क्षेत्र में लगने से युवाओं को उम्मीद थी कि उन्हें रोजगार मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले युवाओं तक को नौकरी नहीं मिल पा रही है। सिर्फ मजदूर स्तर पर ही काम दिया जाता है। साथ ही रिफाइनरी के सहायक उद्योग भी नहीं लगाए जा रहे हैं।
हेमंत राय, युवा

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