बताया गया है कि लोकायुक्त सागर में बीना के एडवोकेट रामसेवक नामदेव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि नामांतरण का एक कार्य कराने के एवज में आगासौद हल्का के पटवारी अजय श्रीवास्तव द्वारा उनसे १० हजार की रिश्वत मांगी जा रही है। रामसेवक की शिकायत पर लोकायुक्त ने पटवारी को पकडऩे की योजना बनाई। इसके बाद रिश्वत देने का दिन और समय निर्धारित किया गया। लोकायुक्त की योजना के तहत मंगलवार को जैसे ही रामसेवक नामदेव रंगे नोट लेकर पटवारी को रिश्वत देता है। उसी वक्त लोकायुक्त टीम मौके पर रेड कर देती है और पटवारी को रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया जाता है।
इस पूरी कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त टीआई और टीम की मौजूदगी रही। पटवारी को पकड़े जाने के बाद पूछताछ भी की गई। आवेदक नामदेव ने बताया कि नामांतरण के कार्य को लेकर पटवारी अजय श्रीवास्तव द्वारा उन्हें बार-बार चक्कर कटवाया जा रहा था। बाद में जब इसका कारण पता किया गया तो रिश्वत की बात सामने आई। जिसकी शिकायत लोकायुक्त में की गई थी। इसके बाद लोकायुक्त से मिले निर्देश के अनुवार ही कार्रवाई की गई।
लोकायुक्त कार्रवाई के दौरान गुमसुम नजर आए पटवारी एडवोकेट रामसेवक नामदेव की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस के हाथों रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद पटवारी अजय श्रीवास्तव की चेहरे की रंगत गायब नजर आई। इस दौरान वह गुमसुम ही नजर आए। वहीं मीडिया के कैमरों से चेहरा छिपाते हुए नजर आए। श्रीवास्तव के बारे में बताया गया है कि रुपए लेकर काम करने का उन्होंने ट्रेंड बना लिया था। रुपए नहीं आते तक वह आवेदकों को चक्कर कटवाते रहते थे।