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कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण, वृष राशि वालों को रखना होगा अपना ध्यान

ग्रहण के लिहाज से आगामी दो महीने नवंबर और दिसंबर काफी अहम होने वाले हैं। पंचाग के अनुसार, अगले महीने नवंबर की 19 तारीख को चंद्रग्रहण लगेगा और 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।

सागरOct 18, 2021 / 08:13 pm

Atul sharma

सागर. ग्रहण के लिहाज से आगामी दो महीने नवंबर और दिसंबर काफी अहम होने वाले हैं। पंचाग के अनुसार, अगले महीने नवंबर की 19 तारीख को चंद्रग्रहण लगेगा और 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण अगले महीने 19 नवंबर को दोपहर तकरीबन 11 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा, जो शाम को 5 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, इसलिए भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर में देखा जा सकेगा।
ज्योतिषियों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन यानी 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण आंशिक होगा। इसका मतलब 19 नवंबर के चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल नहीं लगेगा। ऐसी मान्यता है कि सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मसलन खाना बनाना और खाना दोनों ही वर्जित होता है। मंदिरों के कपाट तक बंद होते हैं। इतना ही नहीं, सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इन्हें चंद्र ग्रहण देखना भी वर्जित होता है। ग्रहण वृष राशि वाले जातकों के लिए भारी बताया जा रहा है। उन्हें विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
इस वर्ष के आखिरी ग्रहण
यह इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। 19 नवंबर का चंद्र ग्रहण वृष राशि में लगेगा। ऐसे में वृष राशि वालों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। 19 नवंबर का चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार, दोपहर लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर लगेगा और यह चंद्र ग्रहण शाम 5 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण वह खगोलीय स्थिति होती है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। इस दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से गुजरता है तो इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
अशुभ घटना माना जाता है ग्रहण का लगना

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण या फिर सूर्य ग्रहण, दोनों को ही अशुभ घटना के रूप में देखा जाता है, हालांकि वैज्ञानिक इसे विशुद्ध रूप से खगोलीय घटना मानते हैं। वहीं, धार्मिक मान्यता के मुताबिक, दोनों ही ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। ग्रहण के दौरान पूजा आदि करना भी मना होता है। भारत में अधिकतर जगहों पर चंद्र ग्रहण अथवा सूर्य ग्रहण के समय मंदिर के कपाटों को बंद कर दिया जाता है।
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