सागरPublished: Jul 28, 2019 09:05:53 pm
sachendra tiwari
बड़े बाबा का महामस्तिकाभिषेक किया
Lust makes man a devil
बीना. श्रावण मास में श्रुतधाम में मुनि पवित्रसागर महाराज, मुनि प्रयोगसागर महाराज के सान्निध्य एवं ब्रह्मचारी संदीप भैया के मार्गदर्शन में आयोजित बड़े बाबा भगवान आदिनाथ का महामस्तिकाभिषेक 108 स्वर्ण कलशों से संपूर्ण बुंदेलखंड से आए श्रद्धालुओं ने संपन्न किया। समापन पर पाठशाला के बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि पवित्रसागर महाराज ने कहा कि जीवन का सत्य वासना नहीं, धर्म साधना है, भोग नहीं त्याग है। वासना अच्छे भले मनुष्य को शैतान बना देती है और साधना पतित से पतित इंसान को भी भगवान बना देती है। वासना का अर्थ है- आत्मा से हटकर बाहर की ओर दौडऩा और संसार के भोगों से जुडऩा तथा साधना का अर्थ है- सत्य के निकट पहुंचना, आत्मा को पहचानना। मनुष्य यदि अपनी कामनाओं, इंद्रियों और मन पर काबू पा लें तो उसे नश्वर संसार में भी आनंद का सागर दिखाई देने लगे। मुनि प्रयोगसागर महाराज ने कहा कि सांसारिक ऐश्वर्य में जीने वाला व इंद्रिय सुखों को लोलुप व्यक्ति सत्य (आत्मा) के दर्शन कभी नहीं कर सकता। इस संसार में सत्य से बढ़कर दूसरा कोई मुक्तिदाता नहीं है। सत्य ही जीवन है, जीवन ही सत्य है। संयम जीवन की महान संपदा है। संयम मोक्ष का प्रवेश द्वार है। प्रवचन सभा का संचालन ब्र. संदीप भैया ने और सहयोग अशोक शाकाहार ने किया।