महिला आयोग की संयुक्त बैंच ने सर्किट हाउस में गुरुवार को महिला संबंधी विवादों की सुनवाई की। मकरोनिया निवासी युवती के प्रकरण पर एक घंटे से ज्यादा देर सुनवाई हुई। युवती ने बताया कि शादी के पांच दिन बाद पति और ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे प्रताडि़त कर मायके लाकर छोड़ दिया था। माता-पिता और बहन के साथ पहुंची युवती का कहना था कि वह एक निजी कंपनी में कार्यरत थी। शादी के बाद उसने नौकरी छोड़ दी। कंपनी से उसके लिए कॉल आए तो पति व ससुराल के लोग उस पर आक्षेप लगाने लगे, जबकि वह सबसे सामने बात करती थी। उसके साथ मारपीट की गई और बदनामी भी की गई।
सुनवाई में युवती के ससुर-सास ने आयोग सदस्यों के सामने जवाब पेश किया। सास ने कहा बहू के पास किसी लड़के का फोन आता था। वह अपने पुत्र के साथ कंपनी में कार्यरत लड़के को समझाने भी पहुंची थी लेकिन वहां विवाद व मारपीट की गई। इस सफाई को सदस्य अंजू सिंह बघेल ने खारिज कर दिया। उन्होंने टिप्पणी कर कहा कि केवल मोबाइल पर बात करने से चरित्र पर शंका नहीं की जा सकती। पांच दिन में एेसा क्या हो गया कि आपने बहू को मारपीट कर भगा दिया। आप किसी के चरित्र का सत्यापन नहीं कर सकते।
लापता बेटी ने शादी कर ली, उसे बुलाइए अंचल से आए प्रकरण में माता-पिता ने आयोग सदस्यों से कहा उनकी बेटी गायब हो गई थी। संदेही युवक के साथ उसने शादी कर ली है और दोनों साथ में रह रहे हैं। हम उसे एक बार देखना चाहते हैं लेकिन बेटी को नहीं आने दिया जा रहा है। इस पर आयोग बैंच ने उसे उपस्थित करने के निर्देश दिए।
पति-पत्नी में अनबन की शिकायतें ज्यादासदस्य सूर्या चौहान ने बताया ३७ प्रकरणों को रखा गया था। इनमें से शाम ५ बजे तक १७ प्रकरणों पर सुनवाई की गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद १० का निराकरण किया गया। जबकि अन्य में कोर्ट में प्रकरण होने, अनावेदक पक्ष के न होने से उन पर बैंच के समक्ष अगली बार सुनवाई की जाएगी।