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हाथी पर सवार होकर आई महालक्ष्मी

locationसागरPublished: Sep 21, 2019 08:24:25 pm

महिलाओं ने रखा व्रत

हाथी पर सवार होकर आई महालक्ष्मी

हाथी पर सवार होकर आई महालक्ष्मी

सागर. मिट्टी के हाथी पर विराजी मां लक्ष्मी के सामने 16 दीपक जालकर, 16 पकवानों का भोग शनिवार को सुहागन महिलाओं ने अपनी संतानों की लंबी आयु एवं परिवार की खुशहाली के लिए लगाया। पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि अश्विन कृष्ण पक्ष अष्ठमी पर हाथी पर सवार होकर मां लक्ष्मी आती हैं। इनका व्रत एवं पूजन करने से सुख, समृद्घि एवं संतान सुख की कामना पूरी होती है। महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में एकजुट हुई और व्रत रखा। महालक्ष्मी व्रत हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता है।

महालक्ष्मी व्रत रखने पर घर पर सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। जिसमें से अधिकतर विवाहित महिलाएं 16 दिनों तक व्रत रखती है। जो महिलाएं अगर 16 दिन तक नहीं रख पाती वे 3 तीन या आखिरी दिन व्रत रखती है। जो महिलाएं इस व्रत को करती है वे इस दिन अन्न ग्रहण नहीं करती।

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